मुंबई:
बिना शरीर के धड़कते दिल को पुणे से मुंबई रिकॉर्ड समय में लाकर डॉक्टरों ने मुंबई के अनवर को नई जिंदगी दी। इस काम में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से लेकर पुणे और मुंबई ट्रैफिक पुलिस का काम भी काबिले तारीफ रहा।
मुंबई में फोर्टिस अस्पताल की डॉ एस नारायणी ने बताया कि 22 साल के ग्राफिक डिज़ाइनर को दिल की जरूरत थी। रविवार की शाम को पुणे के जहांगीर अस्पताल में डोनर मिला। शाम को डॉक्टरों की टीम काम में जुट गई।
सब कुछ तय हो जाने के बाद सुबह 10 एयरपोर्ट, पुणे और मुंबई पुलिस को अलर्ट किया गया। मुबई की सड़कों पर जहां गाड़ियां चलती नहीं, रेंगती हैं वहां 20 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 18 मिनट में तय कर पाना आसान काम नहीं था। लेकिन सवाल जिंदगी का था और ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी ही जिंदादिली से वह कर दिखाया।
मुंबई ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मिलिंद भारम्बे ने एन डी टी वी को बताया कि हमारे लिए यह बड़ा ही चुनौती भरा काम था। सिर्फ डेढ़ घंटे की सूचना पर हमने सारी तैयारी की। दोपहर 3.20 बजे जैसे ही एयरक्राफ्ट दिल को लेकर पहुंचा, पहले से तैयार खड़ी एम्बुलेंस में रखकर जरा भी समय गंवाए बिना सफर शुरू हुआ।
ट्रैफिक पुलिस का एक सहायक पुलिस आयुक्त एम्बुलेंस के आगे - आगे रास्ता पायलट कर रहा था। जबकि 6 डिवीज़न के ट्रैफिक इंचार्ज और सभी पुलिस कर्मी अपने अपने जंक्शन पर ट्रैफिक क्लियर कर रास्ता बनाते रहे। 20 किलोमीटर की दूरी 18 मिनट में पूरी करके एम्बुलेंस को सही समय पर अस्पताल तक पहुंचा दिया।
फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर जहांगीर अस्पताल से दिल का सफर शुरू हुआ। खास तरह के बंद बक्से में रखा दिल 2 बजकर 45 मिनट पर पुणे एयरपोर्ट , वहां से 2 बजकर 55 मिनट पर प्राइवेट प्लेन से 3 बजकर 20 मिनट पर मुंबई एयरपोर्ट पर उतरा। फिर उसे लेकर एम्बुलेंस हवा की रफ़्तार से मुलुंड में फोर्टिस अस्पताल पहुंच गई। इसके बाद अनवर को नई जिंदगी मिल गई।
मुंबई में फोर्टिस अस्पताल की डॉ एस नारायणी ने बताया कि 22 साल के ग्राफिक डिज़ाइनर को दिल की जरूरत थी। रविवार की शाम को पुणे के जहांगीर अस्पताल में डोनर मिला। शाम को डॉक्टरों की टीम काम में जुट गई।
सब कुछ तय हो जाने के बाद सुबह 10 एयरपोर्ट, पुणे और मुंबई पुलिस को अलर्ट किया गया। मुबई की सड़कों पर जहां गाड़ियां चलती नहीं, रेंगती हैं वहां 20 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 18 मिनट में तय कर पाना आसान काम नहीं था। लेकिन सवाल जिंदगी का था और ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी ही जिंदादिली से वह कर दिखाया।
मुंबई ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मिलिंद भारम्बे ने एन डी टी वी को बताया कि हमारे लिए यह बड़ा ही चुनौती भरा काम था। सिर्फ डेढ़ घंटे की सूचना पर हमने सारी तैयारी की। दोपहर 3.20 बजे जैसे ही एयरक्राफ्ट दिल को लेकर पहुंचा, पहले से तैयार खड़ी एम्बुलेंस में रखकर जरा भी समय गंवाए बिना सफर शुरू हुआ।
ट्रैफिक पुलिस का एक सहायक पुलिस आयुक्त एम्बुलेंस के आगे - आगे रास्ता पायलट कर रहा था। जबकि 6 डिवीज़न के ट्रैफिक इंचार्ज और सभी पुलिस कर्मी अपने अपने जंक्शन पर ट्रैफिक क्लियर कर रास्ता बनाते रहे। 20 किलोमीटर की दूरी 18 मिनट में पूरी करके एम्बुलेंस को सही समय पर अस्पताल तक पहुंचा दिया।
फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर जहांगीर अस्पताल से दिल का सफर शुरू हुआ। खास तरह के बंद बक्से में रखा दिल 2 बजकर 45 मिनट पर पुणे एयरपोर्ट , वहां से 2 बजकर 55 मिनट पर प्राइवेट प्लेन से 3 बजकर 20 मिनट पर मुंबई एयरपोर्ट पर उतरा। फिर उसे लेकर एम्बुलेंस हवा की रफ़्तार से मुलुंड में फोर्टिस अस्पताल पहुंच गई। इसके बाद अनवर को नई जिंदगी मिल गई।
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