केंद्र सरकार उन कोयला प्रखंडों के आवंटन रद्द करने के पक्ष में है जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने गैर-कानूनी करार दिया था। न्यायालय ने मंगलवार को 218 कोयला ब्लॉक के भविष्य पर सुनवाई पूरी की। कोर्ट ने इस बारे में फैसला बाद में सुनाने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि इनके आबंटन को न्यायालय पहले ही गैर-कानूनी घोषित कर चुका है।
आज सुनवाई के दौरान केंद्र ने न्यायालय में कहा, कुल मिलाकर, कोयला प्रखंडों के आबंटनों का निरस्तीकरण ही इसकी स्वाभाविक परिणति है।
केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा, उन 46 कोयला प्रखंडों के संबंध में विचार किया जाना चाहिए, जिनका परिचालन हो रहा है या जल्दी शुरू होने वाला है।
कोयला ब्लॉकों की आबंटी कंपनियों ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें सुने बगैर आबंटन रद्द नहीं किया जाए।
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