केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर कहा कि हर साल धान की पराली के बारे में चर्चा होती है और जब सीजन आता है, तो सभी चिंता प्रकट करते हैं. अब परिस्थिति और बड़ी हो गई है कि पराली पर राजनीति ज्यादा होती है. अगर पराली जलाने से नुकसान है तो खुले मन से स्वीकार करना चाहिए कि हां, नुकसान है. टीवी पर देखो तो जिनका कोई लेना-देना नहीं है, वो लोग पराली पर चर्चा करते हैं.
नरेंद्र सिंह तोमर कि धान की फसल हमारी जरूरत है. मशीन का उपयोग होगा तो पुआल होगा और उसका प्रबंधन कैसे होगा? ये देखना है. किसानों के कारण दिल्ली का प्रदूषण खराब हो रहा है, अगर ये कोई कहता है तो लगता है कि मुझे ही गाली दे रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पराली पर राजनीति नहीं, इससे निजात पाने को लेकर चर्चा होनी चाहिए. पराली को लेकर केंद्र सरकार ने 2018 से अब तक 3138 करोड़ रुपये राज्यों को दिए हैं. अनेक राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया है. पंजाब को हमने सबसे ज्यादा 1400 करोड़ से अधिक दिया है. राज्य सरकारों ने 2 लाख मशीनें खरीदी हैं. इन मशीनों के दम पर अगर राज्य सरकार तय कर ले तो पराली से निजात पाई जा सकती है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पूसा डीकम्पोजर बहुत सारे किसान उपयोग कर रहे हैं, जिसका फायदा हो रहा है. पूसा डी कम्पोजर का प्रयोग सरल और सफल है. राज्य सरकारों से आग्रह है कि पूसा डीकम्पोजर का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किसान करें. केंद्र सरकार ने 5 दिन पहले पराली को लेकर बैठक की है. इससे पहले भी केंद्र राज्य सरकारों के साथ चर्चा करता रहा है. कोई राज्य सरकार चर्चा करना चाहे तो केंद्र से आमंत्रित है.
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