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शराब, शबाब और पेपर लीक, हाथरस वाले बाबा के कितने रूप

हाथरस भगदड़ मामले में जांच के दौरान हर दिन कुछ नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में अब भोले बाबा का राजस्थान कनेक्शन भी सामने आया है. बाबा दौसा में जिस घर पर रुककर अपना सत्संग करता था उसके मालिक को पेपर लीक मामले में कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है.

शराब, शबाब और पेपर लीक, हाथरस वाले बाबा के कितने रूप
हाथरस भगदड़ मामले में भोले बाबा पर लगे कई गंभीर आरोप
नई दिल्ली:

हाथरस के सत्संग में मची भगदड़ के बाद से चर्चाओं में आए भोले बाबा (सूरजपाल ) को लेकर हर बीतते दिन के साथ बड़े खुलासे हो रहे हैं. पहले जहां बाबा के आश्रम में काम कर चुके चश्मदीद ने बाबा पर लड़कियों को रखने और शराब पीने का आरोप लगाया था, वहीं अब भोले बाबा का पेपर लीक कनेक्शन सामने आया है.  मिल रही जानकारी के अनुसार भोले बाबा  का राजस्थान के दौसा जिले में एक पटवारी के घर अस्थायी निवास था. ये वही पटवारी है जिसे कुछ महीने पहले JEAN भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक का आरोपी माना गया है. इस पटवारी का नाम है हर्षवर्धन मीणा. हर्षवर्धन अभी एसओजी की गिरफ्त में है. 

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भोले बाबा दौसा में हर्षवर्धन के घर पर अपना दरबार लगाता था. राजस्थान पुलिस की जांच में पता चला कि ये वही घर था जहां से पेपर लीक का रैकेट भी चलाया जा रहा था. पेपर लीक मामले की जांच कर रही टीम के लिए इस पूरे रैकेट में बाबा की एंट्री का एक नया एंगल बन गया है. 

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"पेपर लीक में भोले बाबा की है भागीदारी"

दौसा में स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भोले बाबा यहां अपना दरबार लगाता था लेकिन जबसे पेपर लीक मामले में हर्षवर्धन की गिरफ्तारी हुई है उसके बाद से ही बाबा यहां से फरार है. हमें ऐसा लगता है कि पेपर लीक में भी भोले बाबा की मिली भगत है. हालांकि, पुलिस अब इस नए एंगल से जांच कर रही है. 

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"बाबा के सत्संग में स्थानीय लोगों की एंट्री नहीं"

पुलिस ने फिलहाल उस घर को अपने कब्जे में रखा हुआ है जिसमें बाबा रुककर अपना दरबार लगाया करता था. ये घर हर्षवर्धन का है और उसे कुछ महीने पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस पूरी इमारत को एसओजी ने सील किया हुआ है. स्थानीय लोगों के हर्षवर्धन जब से एसओजी ने गिरफ्तार किया है तब से ही ये घर सील है. बाबा इसी घर में अपना दरबार लगाते थे लेकिन उस सत्संग में किसी स्थानीय लोगों की एंट्री नहीं होती थी. जो लोग आते थे वो दूसरे जगहों से होते थे. ज्यादातर लोग तो यूपी से आते थे. 

"लोगों ने बाबा को दान कर दी हैं अपनी जमीन"

बाबा के आश्रम तैनात सेवादार का मानना है कि आश्रम के हैंड पंप का पानी पीने से डेंगू जैसी बीमारी भी ठीक हो जाती है. इस आश्रम को लेकर बाबा के भक्तों में गजब की दीवानगी है. यही वजह है कि कई भक्तों ने तो आश्रम के लिए बाबा को अपनी जमीन तक दे दी है.

भक्तों में ये दीवानगी तो तब है जब बाबा कई वर्षों से इस आश्रम में नहीं गए हैं. बाबा के आश्रम में करीब 10 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था है. आश्रम में पूरे साल भंडारा किया जाता है. मंगलवार का दिन आश्रम के लिए बेहद खास होता है, यही वजह है कि मंगलवार को यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं. 


 

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