उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना (Hathras Satsang stampede) से देश की आंखें नम हैं, सड़क पर पड़ी लाशों को देखकर कौन सा पत्थर दिल नहीं पिघला होगा. इस घटना ने न जाने कितने परिवार उजाड़ दिए और न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गए. सवाल यही है कि इस सब का जिम्मेदार आखिर है कौन? प्रशासन या सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba). हाथरस सत्संग हादसे में अब तक 121 जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं घायल 35 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. हैरानी की बात ये है कि जो भक्त बाबा को भगवान मानते थे, उनकी मौत के बाद स्वंयभू बाबा खुद फरार है. आखिर भक्तों का 'भगवान' कहां फरार है.
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हादसे के कहां फरार हो गया बाबा?
भोले बाबा घटना वाले दिन 2 जुलाई, मंगलवार दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल से निकला और दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर आयोजक देव प्रकाश मधुकर से उसने बात की. मधुकर ने ही शायद बाबा को हादसे की जानकारी दी. बाबा ने फोन पर मधुकर से 2 मिनट 17 सेकेंड तक बात की. बाबा की फोन की लोकेशन 3 बजे से 4.35 बजे तक मैनपुरी की मिली है. उसने 3 बजकर 4. 35 बजे तक तीन नंबरों पर बात की. कॉल डिटेल में पहला नंबर महेश चंद्र का सामने आया है. इनसे बाबा ने 3 मिनट तक बात की. दूसरा नंबर संजय यादव का सामने आया है. इनसे बाबा ने 40 सेकंड तक बात की.
भक्तों के 'भगवान' का फोन स्विच ऑफ क्यों?
वहीं तीसरा नंबर रंजना का है, जिनसे बाबा ने 11 मिनट 33 सेकंड तक बात की. रंजना आयोजक देव प्रकाश की पत्नी है. जानकारी के मुताबिक हाथरस हादसे के बाद देव ने शायद रंजना के फोन से ही बाबा से बात की थी. अदले दो नंबर भी आयोजकों के ही थे, जिनमें महेश बाब का खास माना जाता है. शाम को 4 बजकर 35 मिनट पर बाबा का फोन स्विच ऑफ हो गया, जो अब तक बंद ही आ रहा है.
- भोले बाबा दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल से निकला.
- दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर आयोजक देव प्रकाश मधुकर से बात.
- बाबा ने फोन पर मधुकर से 2 मिनट 17 सेकेंड तक बात की
- बाबा की फोन की लोकेशन 3 बजे से 4.35 बजे तक मैनपुरी की.
- महेश चंद्र से बाबा ने 3मिनट तक की बात.
- भोले बाबा ने संजय यादव से 40 सेकंड तक की बात.
- मधुकर की पत्नी रंजना के नंबर पर 11 मिनट 33 सेकंड तक बात
- . शाम को 4 बजकर 35 मिनट से अब तक बाबा का फोन स्विच ऑफ.
121 लोगों की जान चली गई. बाबा आखिर कहां है?
बाबा के सत्संग के बाद अब तक 121 लोग काल के गाल मे समा चुके हैं, लेकिन बाबा को इससे क्या. उसने तो अपना फोन तक स्विच ऑफ कर लिया है. पुलिस उसे ढूंढने के लिए अब तक कुल 8 जगहों पर दबिश दे चुकी है 40 पुलिसकर्मियों की टीम आरोपियों को तलाश रही है. 48 घंटे बाद भी पुलिस बाबा तक नहीं पहुंच सकी है. लेकिन सवाल ये है कि क्या पुलिस बाबा को सीधे गिरफ्तार करने से बच रही है, क्यों कि FIR में भी उसका नाम नहीं है. इस बात के संकेत सीएम योगी ने भी बुधवार को दिए थे कि शायद बाबा पर सीधा एक्शन नहीं लिया जाएगा, क्यों कि पुलिस पहले बाबा की हिस्ट्री पर होमवर्क करना चाहती है. अगर पुलिस को ज्यादा सबूत नहीं मिले तो ये भी संभव है कि बाबा को गिरफ्तार न किया जाए.
भोले बाबा के खिलाफ कई आपराधिक मामले
बाबा के खिलाफ अब तक 5 मामले, कासगंज, फर्रुखाबाद, आगराऔर राजस्थान में दर्ज हैं. भोले बाबा पर 1997 में यौन शोषण का भी आरोप लग चुका है. 1999 में उसको नौकरी से निकाल दिया गया था. साल 2000 में आगरा में उस पर पाखंड फैलाने का आरोप लगा था. बाबा पर अपनी ही बच्ची को जिंदा करने का आरोप लगा था, तब वहां भारी हुजूम जमा हो गया था. बाबा के खिलाफ लगातार आपराधिक मामले भी दर्ज होते रहे हैं. भोले बाबा ने सिपाही से लेकर भगवान बनने तक का सफर 24 सालों में तय किया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित तबके में उसका खासा प्रभाव है. उसके फोलोअर्स लाखों में है.
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