फरवरी में हुए जाट आंदोलन का फाइल फोटो।
चंडीगढ़:
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने रविवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आन्दोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए राज्य सरकार एवं पुलिस ने विभिन्न जगहों पर सुरक्षा बलों को भेजना शुरू कर दिया है।
संवेदनशील इलाकों में भेजे सुरक्षा बल
हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
सोनीपत में धारा 144 लागू
सोनीपत के जिलाधिकारी के मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया। फिर से आंदोलन की स्थिति में हिंसा की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। यह 28 मई से 27 जुलाई तक प्रभावी रहेगा।
खट्टर पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप
दूसरी ओर एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे।" हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया।
फरवरी में हुए आंदोलन में 30 जानें गईं
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर गत फरवरी महीने में जाटों ने आन्दोलन किया था। आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी और 320 लोग घायल हुए थे। इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति नष्ट हुई थी। रैली के आयोजन का ताजा निर्णय एबीजेएएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया गया था। बैठक में आन्दोलन की नई पारी की तैयारी के बारे में भी चर्चा हुई थी।
शांतिपूर्ण रैली निकालेंगे
मलिक ने कहा, "हम लोगों से वादा किया गया था कि जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान जो लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे, उन्हें रिहा किया जाएगा और मारे गए लोगों के परिजनों या घायलों को मुआवजा दिया जाएगा। हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हम लोगों को रोकने की कोशिश करेगी तो आन्दोलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं।"
उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश
जाटों और अन्य पांच जातियों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए हरियाणा सरकार ने गत 13 मई को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया था। लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत आरक्षण पर अंतरिम स्थगन आदेश दे दिया। इसके बाद जाट समुदाय के लोगों ने आगामी पांच जून से फिर से आन्दोलन शुरू करने की धमकी दी। धमकी के आलोक में हरियाणा पुलिस ने गत 27 मई को कहा था कि वह किसी भी आन्दोलन से निपटने को तैयार है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
संवेदनशील इलाकों में भेजे सुरक्षा बल
हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
सोनीपत में धारा 144 लागू
सोनीपत के जिलाधिकारी के मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया। फिर से आंदोलन की स्थिति में हिंसा की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। यह 28 मई से 27 जुलाई तक प्रभावी रहेगा।
खट्टर पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप
दूसरी ओर एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे।" हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया।
फरवरी में हुए आंदोलन में 30 जानें गईं
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर गत फरवरी महीने में जाटों ने आन्दोलन किया था। आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी और 320 लोग घायल हुए थे। इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति नष्ट हुई थी। रैली के आयोजन का ताजा निर्णय एबीजेएएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया गया था। बैठक में आन्दोलन की नई पारी की तैयारी के बारे में भी चर्चा हुई थी।
शांतिपूर्ण रैली निकालेंगे
मलिक ने कहा, "हम लोगों से वादा किया गया था कि जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान जो लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे, उन्हें रिहा किया जाएगा और मारे गए लोगों के परिजनों या घायलों को मुआवजा दिया जाएगा। हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हम लोगों को रोकने की कोशिश करेगी तो आन्दोलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं।"
उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश
जाटों और अन्य पांच जातियों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए हरियाणा सरकार ने गत 13 मई को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया था। लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत आरक्षण पर अंतरिम स्थगन आदेश दे दिया। इसके बाद जाट समुदाय के लोगों ने आगामी पांच जून से फिर से आन्दोलन शुरू करने की धमकी दी। धमकी के आलोक में हरियाणा पुलिस ने गत 27 मई को कहा था कि वह किसी भी आन्दोलन से निपटने को तैयार है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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