
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के लंदन वाले बयान को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस और राहुल पर निशाना साध रही है. अब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति देश के बाहर जाता है तो उसे बोलने की आजादी है, लेकिन इस आजादी के साथ उत्तरदायित्व की भी आवश्यकता होती है. हम दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र हैं लेकिन राहुल गांधी यूके में कहते हैं कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है.
उन्हें (राहुल गांधी) स्पष्ट रूप से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की विचारधारा का मूल कायरता है. मुझे नहीं पता कि वे क्या कहने की कोशिश कर रहे हैं... आज भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे.
If any individual goes outside the country he has the freedom to speak but along with that freedom comes what I call the need to have a sense of responsibility. We are the world's oldest democracy but Mr Gandhi goes to UK and says Indian democracy is facing an attack on the basic… https://t.co/BPO0jWp0vF pic.twitter.com/kB1xtQgtQ7
— ANI (@ANI) March 20, 2023
गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी पर अवसादग्रस्त होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि आज डायनेस्टी (वंश) के डिमोलिश (खत्म) होने से उनमें (राहुल) डिप्रेशन (अवसाद) आ गया है. जो पतन हो रहा है, वह उसी से परेशान हैं. उनका मानना है कि प्रजातंत्र परिवार तंत्र का ही गुलाम रहना चाहिए.''
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल विपक्ष का चौधरी बनने की कोशिश में सारी मर्यादा भूल गए हैं. यह भी समझ में नहीं आ रहा है कि 2024 हो या उसके बाद आने वाले दिन हों, देश की तकदीर और तस्वीर अब यह परिवार तंत्र नहीं बल्कि प्रजातंत्र ही तय करेगा.
राहुल पर सीनाजोरी का आरोप लगाते हुए नकवी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश जाकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को और भारतीय संसद को अपमानित करते हैं, उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने का काम करते हैं। उसके बाद सीनाजोरी करते हुए कहते हैं कि हमने जो कहा, वह सही कहा. जब तक यह सामंती गुरूर रहेगा, तब तक उनका यही हाल रहेगा.'
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने हाल ही में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने एक व्याख्यान में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. विपक्षी नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे मामलों में मुकदमा पंजीकृत किए गए हैं जो बनते ही नहीं हैं. मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है. दलित और अल्पसंख्यकों तथा आदिवासियों पर हमले किए जा रहे हैं.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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