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This Article is From Feb 07, 2024

Harda Blast Updates: वो पटाखा फैक्ट्री, जहां हो गई 11 लोगों की मौत; नहीं था लाइसेंस

हरदा पटाखा फैक्ट्री (Harda Factory Blast) 2 दशक से ज्यादा समय से बिना वैध लाइसेंस और जरूरी  सुरक्षा सावधानियों के बिना चल रही थी.

हरदा में बिना लाइसेंस के चल रही थी पटाखा फैक्ट्री.

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री (Harda Factory Blast) में भीषण आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई और 174 अन्य घायल हो गए, बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्री में एक के बाद एक कई विस्फोट हुए. जानकारी के मुताबिक ये फैक्ट्री पिछले 2 दशक से ज्यादा समय से बिना वैध लाइसेंस और जरूरी  सुरक्षा सावधानियों के बिना चल रही थी. बता दें कि साल 2017 में पटाखा यूनिट मालिकों ने विस्फोटक अधिनियम के तहत लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, तब तत्कालीन हरदा जिला कलेक्टर को पता चला कि राजधानी भोपाल से करीब 150 किमी दूर हरदा शहर के बाहरी इलाके में मौजूद फैक्ट्री बिना आवश्यक लाइसेंस के पटाखे बना रही थी मौजूदा परमिट में सिर्फ चाइनीज पटाखे और फुलझड़ियां समेत स्टोरेज और बिक्री की परमिशन थी.

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हरदा पटाखा फैक्ट्री में पहले भी हुए धमाके

इस उल्लंघन के बावजूद, सील किए जाने तक  फैक्ट्री ने साल 2017 में पटाखे बनाना जारी रखा. अगस्त 2018 तक गैर-परिचालन बाकी रहा.  हालांकि, फैक्ट्री ने 2018-19 में परिचालन फिर से शुरू किया, 2022 तक अपने स्टॉकिंग और बिक्री लाइसेंस को रिन्यू करवाने का प्रबंधन किया. बता दें कि इसी फैक्ट्री में तीन साल पहले हुए एक अन्य विस्फोट में एक ही परिवार की तीन महिला मजदूरों की जान चली गई थी.  2021 में हुई एक और घटना में 3 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में फैक्ट्री मालिकों में से एक, राजेश अग्रवाल कोगिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं और सुरक्षा चिंताओं के बाद भी साल 2022 में कारखाने का लाइसेंस रिन्यू कर दिया गया, जिससी वजह से फैक्ट्री में पटाखे बनना जारी रहे और ये घटना हो गई. 

फैक्ट्री धमाका मामले में मालिक समेत 3 गिरफ्तार

अग्रवाल परिवार में राजनीतिक रसूख रखने वाले व्यक्ति पटाखा फैक्ट्री के मालिक हैं. उनको साल 2017-18 में फैक्ट्री को फिर से खोलने के लिए हरदा जिला प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश के आरोपों का सामना करना पड़ा. हालांकि, इन कोशिशों को तत्कालीन जिला कलेक्टर ने फेल कर दिया, जिन्होंने राजनीतिक प्रभाव के बजाय सुरक्षा को प्राथमिकता दी. फैक्ट्री में एक बार फिर से हुए विस्फोट के मामले में मालिक, राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल समेत एक अन्य व्यक्ति रफीक खान को गिरफ्तार किया गया है. 

हरदा में धमाके के बाद भूकंप जैसे हालात

बता दें कि विस्फोट के बाद पूरे क्षेत्र में काला धुआं फैल गया. धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों और दुकानों की खिड़कियां टूट गईं सामने आए एक वीडियो में फैक्ट्री से ऊंची-ऊंची लपटें और घना धुआं निकलता देखा जा सकता है. पास की जगहों पर पर धुआं फैलने की वजह से लोग डर से इधर-उधर भागने लगे. जानकारी के मुताबिक इस घटना में फैक्ट्री के आसपास के दर्जनों घर जल गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने इस की तुलना हरदा में आए भूकंप से की. इसके अलावा वहां कई वाहन भी विस्फोट से लगी आग की चपेट में आ गए. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजधानी के हमीदिया अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की. उन्होंने कहा, "मैंने सभी जिलों से ऐसे ही स्थानों की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है, हम ऐसी कार्रवाई करेंगे जो याद रहेगी."

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