"हल्दी घाटी हो या गालवान घाटी, भारत कभी नहीं झुका": राजनाथ सिंह

लोगों को इतिहास के बारे में जानने का आग्रह करते हुए राजनाथ सिंह ने लोगों को विश्वास दिलाया कि भारत न तो पहले कभी झुका था और न ही भविष्य में कभी झुकेगा.

मुंबई:

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि चाहे वह हल्दी घाटी में महाराणा प्रताप थे या अब गलवान घाटी में भारतीय सेना है, भारत कभी नहीं झुका और न ही कभी झुकेगा. वह यहां महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में 'वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप महासम्मेलन' में भाग ले रहे थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह जनता जो मुझे सुनने आई है, यह भीड़ नहीं है, यह एक समुद्र है. मैं आपको संभाजी नगर का नाम बदलने के लिए बधाई दूंगा."

लोगों को इतिहास के बारे में जानने का आग्रह करते हुए राजनाथ सिंह ने लोगों को विश्वास दिलाया कि भारत न तो पहले कभी झुका था और न ही भविष्य में कभी झुकेगा.  राजनाथ सिंह ने कहा, "महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन के पन्नों को पलटना चाहिए. लोगों को पता चलेगा कि मानव जीवन में स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं है." उन्होंने कहा, "हल्दी घाटी के युद्ध में, महाराणा प्रताप ने कई चमत्कार किए. मैं विवरण में नहीं जाऊंगा... लेकिन मैं कहूंगा, चाहे वह हल्दी घाटी हो या गलवान घाटी, न तो भारत कभी झुका और न ही झुकेगा. मैं हर किसी को इस बारे में आश्वस्त करना चाहता हूं."

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत कभी किसी को उकसाता नहीं है, लेकिन अगर कोई करेगा तो देश किसी को नहीं छोड़ेगा. उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री के पास 56 इंच का सीना है और वह आपको कभी निराश नहीं करेंगे." मंत्री ने 'आत्मनिर्भर भारत' पर जोर देते हुए कहा, "हमने आत्मनिर्भर भारत के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया. 2014 से पहले, हम 900 करोड़ रुपये के हथियारों का निर्यात करते थे और अब हम 16,000 करोड़ रुपये से अधिक के हथियारों का निर्यात कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "पहले जब भारत बोलता था तो दुनिया उसे नजरअंदाज कर देती थी, क्योंकि वह हमें कमजोर समझती थी. लेकिन आज जब भारत बोलता है तो पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है." 

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