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ज्ञानवापी मस्जिद : वजूखाना पर यथास्थिति कायम रहेगी, वाराणसी कोर्ट में जिला जज करेंगे सुनवाई, SC का आदेश

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के मामले में शुक्रवार को तीन जजों की बेंच ने अहम सुनवाई की. इस पीठ में  जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के प्रारंभ में ही कहा, मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस केस को जिला जज स्तर के जज को सुनना चाहिए. ये मामला परिपक्व हाथों में होना चाहिए. 

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Gyanvapi Masjid : सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो सर्वे रिपोर्ट लीक होने पर जताई नाखुशी
नई दिल्ली:

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के मामले में शुक्रवार को तीन जजों की बेंच ने अहम सुनवाई की. इस पीठ में  जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के प्रारंभ में ही कहा, मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस केस को जिला जज स्तर के जज को सुनना चाहिए. ये मामला परिपक्व हाथों में होना चाहिए. 

  1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब तक जिला जज केस को सुने, हमारा पहले का अंतरिम आदेश जारी रह सकता है. इसमें हमने शिवलिंग को सुरक्षित रखने और नमाज में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो, ये सुनिश्चित करने को कहा है. इस पर सीएस वैद्यनाथन की ओर से कहा  गया कि धार्मिक स्थिति और कैरेक्टर को लेकर जो रिपोर्ट आई है, जिला कोर्ट को पहले उस पर विचार करने को कहा जाए. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम उनको निर्देश नहीं दे सकते कि कैसे सुनवाई करनी है.
  2. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने कहा, ये सभी आदेश बड़ी सार्वजनिक शरारत करने में सक्षम हैं. इन्हें रोक जाने की जरूरत है. सर्वे और कमीशन से जुड़े सभी आदेश शून्य घोषित किए जाएं. जस्टिस चंद्रचूड़ बोले,  यह तय करने के लिए कि आयोग की नियुक्ति का आदेश सही था या नहीं, एक पैनल नियुक्त किया जा सकता है. लेकिन जिस क्षण हम अंतरिम आदेश जारी रखते हैं, इसका तात्पर्य है कि हमारा आदेश जारी है.
  3. सुप्रीम कोर्ट ने जब संकेत दिया कि शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित रखने और नमाज न रोकने का आदेश जारी रहे और पहले बनारस कोर्ट के फैसले को 1991 का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) का उल्लंघन बताने वाली याचिका पर हो सुनवाई तो मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध किया. मुस्लिम पक्षकारों के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा, अदालत इसे सिर्फ एक केस के नजरिये से  न देखे. इसका असर 4-5 मस्जिदों के मामले में पड़ेगा. ये बड़ी शरारत है. ये धार्मिक स्थल के चरित्र को बदलने की कोशिश है. ये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश है. ट्रायल कोर्ट के सभी आदेश माहौल खराब कर सकते हैं. लिहाजा 500 साल से उस स्थान को जैसे इस्तेमाल किया जा रहा था, उसे बरकरार रखा जाए.
  4. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा, हमें नियम कानून के हिसाब से आगे बढ़ना है. कोर्ट मामले में सीधे नहीं कूद सकती. अहमदी ने कहा, हमारी याचिका सर्वे को लेकर बने कमीशन की नियुक्ति के खिलाफ है. ऐसे कदम रोकने के लिए ही 1991 का अधिनियम बनाया गया था. कहानी बनाने के लिए रिपोर्ट को चुनिंदा तरीके से लीक किया गया है. वजूखाना सील किया जाना पूजा स्थल अधिनियम के खिलाफ है. केस अगर निचली अदालत को भेजा जाता है तो ज्ञानवापी मस्जिद पर यथस्थिति बनाए रखी जाए.वैसे तो सर्वे के लिए कमीशन बनाया जाना ही असंवैधानिक है. परिसर में यथास्थिति तो बीते 500 साल से है. लिहाजा यदि मामला वाराणसी कोर्ट जाता है तो भी वही यथास्थिति बनाए रखी जाए.
  5. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, सभी समुदायों में भाईचारा  और शांति हमारे लिए सबसे सर्वोपरि है. पहले ट्रायल कोर्ट को मुस्लिम पक्ष की 1991 ऐक्ट के उल्लंघन की अर्जी पर सुनवाई करने दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जिला जज के  निपटारे तक 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा. फिर पक्षों के पास कानूनी उपचार के लिए 8 हफ्ते का समय रहेगा.
  6. सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट लीक होने पर गंभीर सवाल उठाए. सेलेक्टिव लीक बंद हों. प्रेस में बातें लीक हो रही हैं. इसे कोर्ट में जमा करना था. कोर्ट इसे खोले. रिपोर्ट का लीक होना सही नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष से पूछा,  मस्जिद में नमाज की मंजूरी मिली है या नहीं ? वजूखाना सील होने की बात पर कोर्ट ने कहा,  हम आपके पक्ष में ही सुझाव रख रहे हैं. अगर 1991 के कानून के तहत मामले की वैधता तय की जाएगी फिर बहुत मुश्किल होगी.
  7. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा, आप केस के मेरिट पर बात करें. हम ट्रायल कोर्ट को सीमा से आगे जाने की  अनुमति नहीं दे सकते. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 1991 कानून की धारा 3 के तहत धार्मिक चरित्र का पता लगाना वर्जित नहीं है. मंदिर-मस्जिद को अलग रख दीजिए औऱ मान लीजिए कि एक पारसी मंदिर  के कोने में एक क्रॉस है. क्या क्रास की उपस्थिति उसे ईसाई बना देगी.यह हाइब्रिड चरित्र अज्ञात नहीं है. अगर कहीं अगियारी और क्रॉस मिलते हैं तो दो धर्मों का अस्तित्व बताते हैं.
  8. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अहमदी ने कहा, अगर अदालत बाद में सुनवाई करती है तो अपने आदेश में संशोधन करे. पूरा वजू क्षेत्र सील है, सिर्फ बीच का हिस्सा सील हो. यूपी सरकार की ओर से पेश वकील तुषार मेहता ने इसका विरोध किया.  जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ये करना मुश्किल है. मुस्लिम पक्ष ने कहा, वजूखाना का इस्तेमाल करने के लिए नल चलाने की इजाजत दी जाए.
  9. कोर्ट ने कहा कि हमारे पास तो मौके के फोटो भी नहीं हैं हम कैसे तय करें. लिहाजा वजू के लिए पर्याप्त इंतजाम वाराणसी प्रशासन की ओर से किया जाए. अंतत: SC ने कहा, ज्ञानवापी मामले में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी.  मामला जिला जज को ट्रांसफर किया गया.   ट्रायल कोर्ट तय करेगा कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं.सुप्रीम कोर्ट ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा.
  10. वाराणसी जिला कोर्ट के 16 मई के आदेश पर हमारा 17 मई का आदेश प्रभावी  होगासुप्रीम कोर्ट का शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित करने और मुस्लिमों को नमाज़ से न रोकने का 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा. वाराणसी जिला जज केस की सुनवाई करेंगे. 17 मई को दिया गया अंतरिम आदेश 8 हफ्तों तक लागू रहेगा. 

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