भीषण चक्रवातीय तूफान 'निलोफर' के कमजोर पड़ने से गुजरात ने आज राहत की सांस ली है और अब प्रदेश के कुछ तटवर्ती इलाकों में सामान्य बारिश और तेज हवाएं चलने के अलावा इसका अन्य कोई प्रभाव नहीं होगा।
मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि पश्चिमी-मध्य अरब सागर पर बना दबाव कमजोर होकर 'स्पष्ट रूप से कम दबाव' के क्षेत्र में बदल गया है। इससे गुजरात पर कोई बड़ा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि नीलोफर के आने की सूचना मिलने के बाद से ही प्रदेश भारी बारिश और तेज तूफान से बचने की तैयारियों में जुटा हुआ था।
राज्य मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी अजय कुमार ने बताया, 'चक्रवातीय तूफान नीलोफर धीरे-धीरे दबाव क्षेत्र में बदलने लगा है और पिछले 24 घंटों में 'साफ तौर से कम दबाव' के क्षेत्र में बदल गया है।' उन्होंने कहा, 'इस नई प्रणाली के कारण, कच्छ और सौराष्ट्र के हिस्सों में सामान्य बारिश होने की संभावना है। हवा की गति 35-45 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। अब चिंता की कोई बात नहीं है।'
मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार, गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटों में स्थित सामान्य और थोड़ी मुश्किल हो सकती है और हवा की गति 55 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है। लेकिन एहतियात के तौर पर विभाग मछुआरों को सलाह देता है कि वे अगले 24 घंटों में समुद्र में ना जाएं।'
नीलोफर के आने की सूचना पर एहतियात बरतते हुए राज्य प्रशासन ने कच्छ और जामनगर जिलों में समुद्र तट पर रहने वाले 17,000 से ज्यादा लोगों को वहां से हटा दिया था। मौसम विभाग ने संभावना व्यक्त की थी कि चक्रवातीय तूफान आज शाम कच्छ के नालिया में पहुंचेगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं