
- केंद्र सरकार ने महंगाई कम करने के लिए जरूरी सामान पर जीएसटी दर कम करने की बात कही है
- गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के किराना दुकानदारों का मानना है कि इससे सरसों तेल, घी, बादाम और नमकीन सस्ते होंगे
- जीएसटी दर घटने से छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी
देशभर में बढ़ती महंगाई और उपभोक्ताओं की जेब पर बढ़ते बोझ के बीच केंद्र सरकार ने जरूरी सामान पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव ने न सिर्फ उपभोक्ताओं, बल्कि छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े कारोबारी समूहों तक सभी को नई उम्मीद दी है. गाजियाबाद से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक किराना दुकानों के मालिकों का कहना है कि अगर सरकार यह फैसला लागू करती है तो सरसों का तेल, घी, बादाम,नमकीन जैसे रोजमर्रा के सामान काफी सस्ते हो जाएंगे.
छोटे व्यापारी मानते हैं कि टैक्स दर कम होने से बिक्री बढ़ेगी, लोग जरूरत के हिसाब से खरीदारी करेंगे और सरकार का जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ेगा. वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर का अनुमान है कि छोटी कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने से उनकी कीमत 35-50 हजार रुपये तक घट सकती है, जिससे आने वाले महीनों में बिक्री में 20% तक का उछाल देखने को मिलेगा. '
खाद्य वस्तुएं होंगी सस्ती, बिक्री बढ़ने की उम्मीद
अग्रवाल आटा चक्की एंड दाल स्टोर के मालिक दीपक गुप्ता ने बताया कि अगर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया जाता है, तो सरसों तेल, घी, बादाम, जाम और नमकीन जैसे ब्रांडेड पैक काफी सस्ते हो जाएंगे.
उदाहरण के तौर पर, 370 रुपये के सरसों तेल पर अभी 44 रुपये जीएसटी लगता है. नई दर लागू होने पर यह टैक्स सिर्फ 18 रुपये रह जाएगा, यानी पैक 26 रुपये सस्ता हो जाएगा. इसी तरह 650 रुपये के घी पर 78 रुपये की जगह सिर्फ 32 रुपये जीएसटी लगेगा, जिससे वह 45 रुपये तक सस्ता हो जाएगा. बादाम का आधा किलो पैक 70 रुपये तक, जाम 13-14 रुपये तक और नमकीन का पैक 7 रुपये तक सस्ता हो जाएगा.
दीपक गुप्ता का कहना है, "जब सामान सस्ता होगा तो बिक्री बढ़ेगी. लोग फिर जरूरत के मुताबिक खरीदारी करेंगे. सरकार को भी फायदा होगा क्योंकि जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा."
छोटे व्यापारियों के लिए राहत की जरूरत
गाजियाबाद के ही छोटे कारोबारी विशाल गुप्ता ने कहा कि अगर जीएसटी टैक्स स्लैब नहीं घटाया गया, तो छोटे व्यापारी टिक नहीं पाएंगे. उनका कहना है, "जीएसटी रेट घटेगा तो छोटे कारोबारी ईमानदारी से टैक्स देंगे. ई-कॉमर्स पहले ही हमारे लिए चुनौती है. छोटे उद्योगों को जिंदा रखने के लिए टैक्स में कमी जरूरी है."
ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी राहत की उम्मीद
साहनी मोटर्स के सीईओ और डायरेक्टर राजीव साहनी ने कहा कि छोटी कारों को 28% जीएसटी स्लैब से हटाकर 18% पर लाने से उनकी कीमत 35,000 से 50,000 रुपये तक घट जाएगी. उन्होंने बताया, "इस फेस्टिवल सीजन में 15-20% तक बिक्री बढ़ सकती है. कार अब लग्जरी नहीं, एक जरूरत बन चुकी है. जीएसटी में कटौती से अफॉर्डेबिलिटी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी." राजीव साहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दिवाली से पहले इस तोहफे की घोषणा के संकेत से बाजार का सेंटीमेंट बहुत पॉजिटिव है.
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