
एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक (Grok AI) की अभद्र भाषा का मुद्दा संसद तक में गूंजा. ग्रोक के द्वारा इस्तेमाल भाषा पर उठ रहे सवालों के बीच भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. इस बीच GROK AI विवाद पर पूर्व कानून राज्य मंत्री और डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के अध्यक्ष रहे पीपी चौधरी (PP Chaudhary) ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपशब्द इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है. अगर कहीं कोई गेप है, तो उसे नया कानून लाकर तुरंत भर देना चाहिए.
GROK AI को अपशब्द कहने की छूट नहीं
GROK AI विवाद पर पूर्व कानून राज्य मंत्री और डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के अध्यक्ष रहे पीपी चौधरी (PP Chaudhary) ने एनडीटीवी से कहा, 'ग्रोक (GROK AI) को लेकर उठे विवाद के बाद यह महत्वपूर्ण हो गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जनरेट होने वाले कंटेंट और AI प्लेटफार्म की जवाबदेही तय की जाए. अगर कोई गेप छूट गया है, तो उसे कानून के द्वारा कवर करना चाहिए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कोई कानून में छूट नहीं है कि अपशब्द इस्तेमाल कर सकें. जिस तरह सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए कानून में सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही तय की गई है, उसी तर्ज पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इंफॉरमेशन जनरेट करने वाले प्लेटफार्म की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए, उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए.
सोशल मीडिया कंपनियों की बढ़ी है जिम्मेदारी
पीपी चौधरी ने बताया, 'आईटी एक्ट और पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल में कुछ शब्दों को बैन किया गया था. एक्ट में यह कहा गया है कि अपशब्दों को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. सोशल मीडिया कंपनियों को अब अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स को भी अपग्रेड करना होगा कि वहां भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न हो. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिस तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में इन्हें बनाने वाली कंपनियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है.
‘गैरकानूनी जानकारी'को हटाना आवश्यक
इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया मंचों को किसी अदालत के आदेश या सरकार या उसकी अधिकृत एजेंसी द्वारा नोटिस के माध्यम से उनके संज्ञान में लाई गई किसी भी ‘गैरकानूनी जानकारी'को हटाना आवश्यक है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया मंचों को किसी अदालत के आदेश या सरकार या उसकी अधिकृत एजेंसी द्वारा नोटिस के माध्यम से उनके संज्ञान में लाई गई किसी भी ‘गैरकानूनी जानकारी'को हटाना आवश्यक है.
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