महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को हजम नहीं कर पा रहे विपक्ष के विरोध के बीच महाराष्ट्र के गांव, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के खिलाफ प्रस्ताव पास कर रहे हैं. अब महाराष्ट्र के सतारा जिले के कोलेवाड़ी गांव ने भविष्य में सारे चुनाव बैलेट पेपर से कराने का प्रस्ताव पारित किया है. ईवीएम के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला महाराष्ट्र का यह दूसरा गांव है. विपक्ष अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी भी कर रहा है.
महाराष्ट्र में ईवीएम के खिलाफ लड़ाई अब ग्राम सभाओं तक फैल गई है. जहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण बीजेपी के उम्मीदवार अतुल भोसले से 39,355 मतों से हार गए वहां की पंचायत ने भविष्य में होने वाले सभी चुनाव बैलट पेपर से ही कराने का प्रस्ताव पास किया है. यह गांव कराड दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला महाराष्ट्र के सतारा जिले का कोलेवाड़ी गांव है. यह ईवीएम के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राज्य का दूसरा गांव बन गया है.
कुछ दिन पहले ही सोलापुर की मालशिरस विधानसभा सीट के मारकडवाड़ी गांव के लोगों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त करते हुए बैलट पेपर के जरिए 'मॉक' पोलिंग की कोशिश की थी जिसे पुलिस प्रशासन ने रोका और कई लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई. ईवीएम के खिलाफ लड़ाई को हवा देने के लिए शरद पवार भी मारकडवाड़ी पहुंचे थे.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने एनसीपी उम्मीदवार उत्तमराव जानकर को वोट दिया, लेकिन नतीजों में बीजेपी के राम सातपुते को ज्यादा वोट दिखाए गए.
इंडिया गठबंधन सुप्रीम कोर्ट जाएगा
अब शरद पवार की अध्यक्षता में हुई विपक्ष के INDIA गठबंधन की बैठक के बाद, विपक्षी दल ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि, ''विरोध की शुरुआत मरकडवाडी में हुई घटना के बाद हुई. चुनाव आयोग ने गड़बड़झाला किया. जवाब मांगा तो चुनाव आयोग ने वेबसाइट से हटा दिया. रात के अंधेरे में लोकतंत्र खत्म करना पाप है, हम कोर्ट जाएंगे.''
बीजेपी ने कहा, हार पचा नहीं पा रहा विपक्ष
बीजेपी कह रही है कि विपक्ष हार नहीं पचा पा रहा और बीजेपी को बदनाम करने के लिए जी जान से लगा है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, बीजेपी को बदनाम करने के लिए ईवीएम पर बात कर रहे हैं.
वैसे चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम की सत्यता को साबित करने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर महाराष्ट्र के नांदेड़ में जिला प्रशासन ने 75 वीवीपैट मशीनों का ईवीएम पर पड़े वोटों के साथ वैरिफिकेशन और मिलान किया, हालांकि दोनों के डेटा में कोई अंतर नहीं मिला. फिलहाल इन सभी आंकड़ों का विपक्ष पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा.
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