पंजाब में विपक्षी दलों ने कुलपतियों की नियुक्ति से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करने में कथित तौर पर विफल रहने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर निशाना साधा. राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कुलपति पद पर सतबीर सिंह गोसल की नियुक्ति को 'पूरी तरह अवैध' करार देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान से उन्हें हटाने के लिए कहा है, जिसके बाद विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया आई है.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने एक बयान में कहा, 'अब तक, इस सरकार को यह समझ लेना चाहिए था कि प्रशासनिक नियुक्तियां, राज्यसभा के नामांकन के विपरीत, शाही आदेशों के माध्यम से नहीं, बल्कि नियमों व विनियमों का पालन करने के बाद एक उचित प्रक्रिया के तहत की जाती हैं.'
उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ते टकराव पर 'गंभीर चिंता' व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य के लिए अच्छा नहीं है और दोनों को करीबी तालमेल के साथ काम करना चाहिए.
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वडिंग ने बताया कि यह एक सप्ताह के भीतर इस तरह की दूसरी घटना है. इससे पहले बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जी. एस. वांडर की नियुक्ति को राज्यपाल ने अनुमोदित नहीं किया था क्योंकि सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि मुख्यमंत्री मान बार-बार राज्यपाल कार्यालय के सम्मान और गरिमा को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
चुग ने कहा कि एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरी घटना है, जिसमें मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को ‘अपमानित' करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
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