सरकार ने शुक्रवार को डॉ वी अनंत नागेश्वरन को नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नामित किया. यह कदम 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होने से कुछ दिन पहले आया है. शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े और क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी एवं जूलियस बेयर ग्रुप के साथ काम कर चुके नागेश्वरन ने सीईए के तौर पर के वी सुब्रमण्यम का स्थान लिया है. सुब्रमण्यम ने तीन साल का अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद दिसंबर 2021 में सीईए का पद छोड़ दिया था. सरकार की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नागेश्वरन ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया. उनकी नियुक्ति वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण आने से तीन दिन पहले हुई है. आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के लिए लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान रखे जाने की संभावना है क्योंकि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था महामारी से उबरने के संकेत दे रही है. आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को संसद में पेश किया जाना है.
डॉ नागेश्वरन ने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है और बड़े पैमाने पर उनके लेख प्रकाशित भी हुए हैं. उन्होंने एक शिक्षक, सलाहकार और लेखक के रूप में भी काम किया है.
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया कि सीईके के रूप में नियुक्ति से पहले नागेश्वरन एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. वह वर्ष 2019 से वर्ष 2021 तक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं.
नागेश्वरन के पास भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर (एमबीए) की डिग्री है. उन्होंने विनिमय दरों के अनुभवजन्य व्यवहार पर अपने काम के लिए 1994 में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी. वह आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन भी रह चुके हैं. (इनपुट भाषा से...)
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