प्रतीकात्मक तस्वीरॉ
नई दिल्ली:
पहली बार सरकार भारत-पाकिस्तान सीमा पर, दूसरी ओर से होने वाली गोलीबारी के शिकार नागरिकों को उसी तरह से पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी जिस तरह का मुआवजा आतंकवाद या माओवादी हिंसा में मरने वालों को दिया जाता है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पार से होने वाली गोलीबारी के पीड़ितों को मुआवजा देने का तथा आतंकवादी और माओवादी हिंसा के पीड़ितों को दी जाने वाली मुआवजा राशि तीन लाख रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये करने का फैसला शुक्रवार को किया।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अब से देश के किसी भी हिस्से में आतंकी हमले, नक्सली हिंसा, सीमा पार से गोलीबारी, गोलाबारी या आईईडी विस्फोट में मरने वाले नागरिकों को समान यानी पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह राशि मृतकों के परिजन को दी जाएगी।’’ ऐसी घटनाओं के चलते 50 फीसदी या अधिक निशक्तता आने पर या असमर्थता की स्थिति में भी पीड़ितों को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
मुआवजे की राशि इस शर्त पर भी निर्भर करेगी कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य को रोजगार मुहैया नहीं कराया गया हो। अधिकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद ही गृह मंत्रालय इस संबंध में एक औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा।
जम्मू़-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर दूसरी ओर से होने वाली गोलाबारी एवं गोलीबारी में हर साल 50 से ज्यादा नागरिकों की जान जाती है। वर्ष 2015 में देश में हुए आतंकी हमलों में सात लोग मारे गए थे, वहीं 2015 में ही जम्मू़-कश्मीर में उग्रवाद के चलते 17 लोगों की जान गई थी।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पार से होने वाली गोलीबारी के पीड़ितों को मुआवजा देने का तथा आतंकवादी और माओवादी हिंसा के पीड़ितों को दी जाने वाली मुआवजा राशि तीन लाख रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये करने का फैसला शुक्रवार को किया।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अब से देश के किसी भी हिस्से में आतंकी हमले, नक्सली हिंसा, सीमा पार से गोलीबारी, गोलाबारी या आईईडी विस्फोट में मरने वाले नागरिकों को समान यानी पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह राशि मृतकों के परिजन को दी जाएगी।’’ ऐसी घटनाओं के चलते 50 फीसदी या अधिक निशक्तता आने पर या असमर्थता की स्थिति में भी पीड़ितों को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
मुआवजे की राशि इस शर्त पर भी निर्भर करेगी कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य को रोजगार मुहैया नहीं कराया गया हो। अधिकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद ही गृह मंत्रालय इस संबंध में एक औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा।
जम्मू़-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर दूसरी ओर से होने वाली गोलाबारी एवं गोलीबारी में हर साल 50 से ज्यादा नागरिकों की जान जाती है। वर्ष 2015 में देश में हुए आतंकी हमलों में सात लोग मारे गए थे, वहीं 2015 में ही जम्मू़-कश्मीर में उग्रवाद के चलते 17 लोगों की जान गई थी।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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