सरकार (Narendra Modi Government) ने बुधवार को कहा कि तनाव एवं दंगों के दौरान आपातस्थिति में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अधिकारी इंटरनेट (Internet) को बंद कर देते हैं. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस द्वारा कई चुनौतियां उत्पन्न की जा रही हैं, जो इसके व्यापक एवं सीमाहीन चरित्र के कारण आती हैं. उन्होंने कहा कि साइबर स्पेस में सूचना बहुत तेजी से चलती है और इसके दुरूपयोग की आशंका होती है.
उन्होंने कहा कि तनाव एवं दंगों के दौरान, सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने एवं आपात स्थिति को टालने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के निर्दिष्ट अधिकारी दूरसंचार सेवाओं और इंटरनेट को बंद कर देते हैं. यह दूरसंचार सेवाओं का अस्थायी निलंबन (संशोधन) नियम 2020 की प्रक्रिया के तहत आता है. रेड्डी ने कहा कि इंटरनेट बंद किए जाने के बारे में उनके मंत्रालय द्वारा केंद्रीकृत आंकड़े नहीं रखे जाते.
बता दें कि आज विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई .
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कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित हुई. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12.30 बजे कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर रखवाए. इस दौरान कांग्रेस सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा. हंगामे के बीच ही सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) अधिनियम-2021' को मंजूरी प्रदान की.
कांग्रेस सदस्यों का शोर शराब जारी रहने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने साथ ही कांग्रेस के सदस्य कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भी आसन के समीप देखा गया. निचले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों के कथित आत्महत्या की खबर आ रही है, ऐसे में हम कैसे चुप रहे सकते हैं ?''कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी कार्यस्थगन नोटिस का विषय उठाया .
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