संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को विपक्षी दलों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ लगातार दूसरे दिन जमकर हंगामा किया. उच्च सदन, राज्यसभा में चार विपक्षी दलों-कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना और बहुजन समाज पार्टी ने सदन की कार्यवाही रोककर तत्काल तेल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की मांग की. सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा, ''हमारी मांग है कि सरकार पेट्रो पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी तत्काल वापस ले. पेट्रोल-डीजल के कीमत 2013-14 के लेवल पर फिक्स की जाए.'' लेकिन राज्य भा के उपसभापति और लोकसभा स्पीकर सदन की कार्यवाही रोककर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज़ी नहीं हुए.
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राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा, "राज्यसभा के चेयरमैन इस पर रूलिंग दे चुके हैं. चेयरमैन की रूलिंग को 'बदला' नहीं किया जा सकता है. आप फाइनेंस बिल पर चर्चा के दौरान इस बारे में अपनी बात कह सकते हैं.". विपक्ष के लगातार हंगामे की वजह से सरकार के कई अहम बिल अटक गए हैं.मंगलवार को राज्यसभा में आर्बिट्रेशन एंड कांसिलेशन (अमेंडमेंट) बिल सरकार पारित नहीं कर सके. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष से अपील की कि वे इसे पारित करने में सहयोग दें. उन्होंने कहा, "मैं विपक्ष से आग्रह करता हूं कि आज हमारा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जो अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए जरूरी है." लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ. राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा, ''मुद्दे उठाने का विपक्ष को पूरा अधिकार है और जब तक सदन में जरूरी गतिरोध खत्म नहीं होता कोई भी विधेयक पर चर्चा कराना उचित नहीं होगा. यह सदन की परंपरा के खिलाफ होगा.'' इसके फौरन बाद राज्यसभा के उप सभापति ने सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.
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