नई दिल्ली:
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर पाबंदी लगाने की अधिसूचना जारी करने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार को लोगों के खाने-पीने की पसंद पर बंदिशें थोपने का कोई हक नहीं है. उन्होंने केंद्र से मांग की कि वह वध के लिए मवेशियों की बिक्री प्रतिबंधित करने वाली अधिसूचना रद्द करे. उन्होंने पाबंदी लगाने के केंद्र के फैसले को ‘‘निरंकुशतावादी और लोगों के खाने-पीने की पसंद के अधिकारों के हनन’’ का स्पष्ट मामला करार दिया. नारायणसामी ने यहां पत्रकारों को बताया कि केंद्र की मोदी सरकार लोगों पर अपने फैसले ‘‘थोप’’ रही है.
गौरतलब है कि सरकार ने वध के लिये पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे निर्यात एवं मांस तथा चमड़ा कारोबार प्रभावित होने की संभावना है. सरकार ने जीवों से जुड़ीं क्रूर परंपराओं पर भी प्रतिबंध लगाया है जिसमें उनके सींग रंगना तथा उन पर आभूषण या सजावट के सामान लगाना शामिल है. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017’ को अधिसूचित किया है.
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री हषर्वर्धन ने कहा कि नये नियम बहुत ‘‘स्पष्ट’’ हैं और इसका उद्देश्य पशु बाजारों तथा मवेशियों की बिक्री का नियमन है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये प्रावधान पशुओं पर केवल पशु बाजारों तथा संपत्ति के रूप में जब्त पशुओं पर लागू होंगे. उन्होंने कहा कि ये नियम अन्य क्षेत्रों को कवर नहीं करते हैं. पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना पशु कल्याण के निर्देश के अनुरूप है.
(इनपुट भाषा से)
गौरतलब है कि सरकार ने वध के लिये पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे निर्यात एवं मांस तथा चमड़ा कारोबार प्रभावित होने की संभावना है. सरकार ने जीवों से जुड़ीं क्रूर परंपराओं पर भी प्रतिबंध लगाया है जिसमें उनके सींग रंगना तथा उन पर आभूषण या सजावट के सामान लगाना शामिल है. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017’ को अधिसूचित किया है.
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री हषर्वर्धन ने कहा कि नये नियम बहुत ‘‘स्पष्ट’’ हैं और इसका उद्देश्य पशु बाजारों तथा मवेशियों की बिक्री का नियमन है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये प्रावधान पशुओं पर केवल पशु बाजारों तथा संपत्ति के रूप में जब्त पशुओं पर लागू होंगे. उन्होंने कहा कि ये नियम अन्य क्षेत्रों को कवर नहीं करते हैं. पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना पशु कल्याण के निर्देश के अनुरूप है.
(इनपुट भाषा से)
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