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This Article is From Sep 29, 2016

सर्जिकल हमले के बाद सरकार ने सभी दलों को दी जानकारी, सरकार के साथ खड़ी हैं सभी पार्टियां

सर्जिकल हमले के बाद सरकार ने सभी दलों को दी जानकारी, सरकार के साथ खड़ी हैं सभी पार्टियां
बैठक में हिस्‍सा लेने पहुंचीं विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज
नई दिल्ली: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल अटैक के बाद सरकार ने फौरन सभी दलों को बुलाकर इसकी जानकारी दी. तमाम राजनीतिक इस मामले में सरकार के साथ खड़े हैं. सर्जिकल अटैक को लेकर दिख रही ये आम सहमति सरकार के लिए बड़ी राहत और ताकत है.

दरअसल सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक के बाद केंद्र सरकार ने देश के भीतर और बाहर, अपने पक्ष में राजनीतिक कूटनीतिक राय जुटाने का काम शुरू कर दिया. राजनाथ सिंह की सर्वदलीय बैठक सरकार के लिए इतनी अहम रही कि इसमें नौ मंत्री शामिल हुए. बैठक में डीजीएमओ ने ही नेताओं को सर्जिकल हमले की जानकारी दी.

दूसरे दलों के बड़े नेता भी दिखे और सबने मोटे तौर पर माना कि इस मामले में वे सरकार के साथ हैं. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने बैठक से निकालने के बाद कहा "हम सरकार के साथ हैं." हालांकि सीपीएम नेता सीताराम येचुरी सरकार की और से मिली हुई जानकारी से ख़ुश नहीं दिखे. उनका कहना था, "जितना सुबह मीडिया को बताया गया, उतना ही हमें बताया गया है. ये साफ़ नहीं हुआ कि अब सरकार आगे क्या करने वाली है.

हालांकि विपक्ष के नेताओं ने कहा कि उन्हें बैठक में कई सवालों के जवाब नहीं मिले. मसलन...
  1. सरकार ने पूछे जाने पर भी ये साफ़ नहीं किया कि आगे वह क्या करेगी.
  2. कितने आतंकी मारे गए, इसका भी कोई साफ़ जवाब नहीं मिला.
  3. बैठक में कई नेता पहुंच नहीं सके, क्योंकि चंद घंटों के नोटिस पर बैठक बुलाई गई.
  4. नेताओं ने पूछा, ऑपरेशन के वीडियो या फोटो हैं, जवाब मिला कि शाम तक मिल सकते हैं.
  5. राजनाथ ने कम बात की, डीजीएमओ ज़्यादा जानकारी देते रहे.
  6. डीजीएमओ ने बहुत सारे ब्योरे नहीं दिए.

 

शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू का कहना है कि  "सब दलों को जानकारी दी गई और सभी की आम राय थी कि ये एक अच्छा क़दम है."वैसे इस बैठक से पहले ही सरकार विपक्ष को भरोसे में लेने में जुटी रही. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें जानकारी दी. इसके बाद सोनिया गांधी ने बयान जारी कर सरकार का समर्थन किया. सरकार ने ये भी साफ़ किया कि ये आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन था कोई फौजी कार्रवाई नहीं. सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्‍यवर्धन राठौड़ का कहना था कि "अगर पाकिस्तान ने आगे और कुछ ऐसी कार्रवाई की तो फिर उसे जवाब दिया जाएगा." उधर, भारतीय विदेश सचिव ने 22 देशों के राजदूतों को बुलाकर भी उनके सामने भारत का पक्ष रखा. गृह मंत्रालय ने भी पाक से लगे सीमावर्ती राज्यों के लिए एडवाइज़री जारी की.
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