रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद ने मंगलवार को अपनी बैठक में 1850 करोड़ से ज़्यादा के रक्षा सौदों को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है. इनमें 1125 करोड़ की लागत से थल सेना में मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के लिए 156 कॉम्बैट वाहन बीएमपी-2 का अधिग्रहण किया जाएगा. इससे मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री की ऑपरेशनल जरुरतें पूरी होंगी.
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 626 करोड़ की लागत से नौसेना के लिए सर्वे ट्रैनिंग वेसल की खरीद को भी हरी झंडी प्रदान की है. इस वेसल से नौसेना की बंदरगाहों पर बढ़ती हाइड्रोग्राफिक सर्वे संबंधी ज़रूरतें पूरी होंगी.
यह भी पढ़ें - सरकार ने करीब 15 हजार करोड़ की हथियार खरीद योजना को दी मंजूरी
इससे पहले 13 फरवरी को सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए कुछ आवश्यक हथियार खरीदने की एक योजना को मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद ने 15,935 करोड़ के रक्षा सौदों को अपनी मंजूरी प्रदान की गई थी.सरकार ने कहा था कि इस लिस्ट में लाइट मशीन गन, असॉल्ट राइफल्स और स्नीपर राइफल्स आदि शामिल हैं. जिन हथियारों की खरीदारी होनी है, उसे "फास्ट ट्रैक प्रक्रिया" के माध्यम से हासिल की जाएगी.
इनमें से 1819 करोड़ की लागत से सेना के लिए लाइट मशीन गन्स की फास्ट ट्रैक आधार पर खरीद को मंजूरी दी गई है. इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की ज़रूरतें पूरी होंगी. इसके अलावा रक्षा खरीद परिषद ने सेना के तीनों अंगों के लिए 12,280 करोड़ की लागत से 7.4 लाख असाल्ट राइफल्स की खरीद को भी हरी झंडी दी गई है. साथ ही परिषद ने सेना और वायुसेना के लिए 982 करोड़ में 5719 स्नाइपर राइफल्स की खरीद की इजाज़त दी है. शुरुआत में इनका असलहा भी खरीदा जाएगा लेकिन बाद में इनका गोला-बारूद देश में ही बनाया जाएगा.
VIDEO: 15,935 करोड़ के रक्षा सौदे को मंज़ूरी
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 626 करोड़ की लागत से नौसेना के लिए सर्वे ट्रैनिंग वेसल की खरीद को भी हरी झंडी प्रदान की है. इस वेसल से नौसेना की बंदरगाहों पर बढ़ती हाइड्रोग्राफिक सर्वे संबंधी ज़रूरतें पूरी होंगी.
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इससे पहले 13 फरवरी को सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए कुछ आवश्यक हथियार खरीदने की एक योजना को मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद ने 15,935 करोड़ के रक्षा सौदों को अपनी मंजूरी प्रदान की गई थी.सरकार ने कहा था कि इस लिस्ट में लाइट मशीन गन, असॉल्ट राइफल्स और स्नीपर राइफल्स आदि शामिल हैं. जिन हथियारों की खरीदारी होनी है, उसे "फास्ट ट्रैक प्रक्रिया" के माध्यम से हासिल की जाएगी.
इनमें से 1819 करोड़ की लागत से सेना के लिए लाइट मशीन गन्स की फास्ट ट्रैक आधार पर खरीद को मंजूरी दी गई है. इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की ज़रूरतें पूरी होंगी. इसके अलावा रक्षा खरीद परिषद ने सेना के तीनों अंगों के लिए 12,280 करोड़ की लागत से 7.4 लाख असाल्ट राइफल्स की खरीद को भी हरी झंडी दी गई है. साथ ही परिषद ने सेना और वायुसेना के लिए 982 करोड़ में 5719 स्नाइपर राइफल्स की खरीद की इजाज़त दी है. शुरुआत में इनका असलहा भी खरीदा जाएगा लेकिन बाद में इनका गोला-बारूद देश में ही बनाया जाएगा.
VIDEO: 15,935 करोड़ के रक्षा सौदे को मंज़ूरी
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