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This Article is From Nov 09, 2023

दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश की दो चरणों में होने वाली पायलट स्टडी का उठाएगी पूरा खर्च: गोपाल राय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई से पहले अदालत में हलफनामा के जरिए यह प्रस्ताव दें.

दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश की दो चरणों में होने वाली पायलट स्टडी का उठाएगी पूरा खर्च: गोपाल राय
नई दिल्ली:

दिल्ली में कृत्रिम बारिश करवाने को लेकर दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) की दो चरणों में होने वाली पायलट स्टडी का पूरा खर्च 13 करोड रुपए खुद उठाने को तैयार है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई से पहले अदालत में हलफनामा के जरिए प्रस्ताव यह प्रस्ताव दें.

गोपाल राय ने मुख्य सचिव को यह भी कहा है कि वह अदालत से केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से जरूरी मंज़ूरी 15 नवंबर तक देने के लिए भी कहें ताकि 20 और 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश के पहले चरण की पायलट स्टडी हो सके. दिल्ली सरकार आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर महत्वाकांक्षी कृत्रिम वर्षा प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. 

क्‍या होती है कृत्रिम बारिश?

कृत्रिम बारिश कराने के लिए ‘क्लाउड सीडिंग' की मदद ली जाती है.  इसमें संघनन को बढ़ाने के लिए तमाम पदार्थों को हवा में फैलाया जाता है.  इससे बार‍िश होती है.  जिन पदार्थों को ‘क्लाउड सीडिंग' में इस्‍तेमाल किया जाता है, उनमें सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड और शुष्क बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) शामिल हैं.  इस तकनीक को दुनिया के कई देशों में इस्‍तेमाल कियाा गया है.  अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) क्‍लाउड सीडिंग को यूज कर चुके हैं.  सूखे से निपटने के लिए भी क्‍लाउड सीडिंग की जाती है.  

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