विज्ञापन
This Article is From Dec 07, 2011

सरकार चाहती है सोशल साइट्स 358 सामग्री हटाएं

नई दिल्ली: सरकार ने गूगल को जनवरी से जून की अवधि के दौरान यू-ट्यूब और आरकुट समेत उसकी विभिन्न साइटों पर दर्ज की गई 358 सामग्रियों को हटाने को कहा है। यह बात गूगल की एक रपट में कही गई है। गूगल पारदर्शिता रपट में कहा गया कि 255 मामलों में सरकार ने इन सामग्रियों को हटाने की मांग के पीछे वजह बताते हुए कहा कि इनमें सरकार की आलोचना की गई है। इनमें से 236 सामग्री आर्कुट और 19 यूट्यूब पर हैं। अन्य सामग्रियों को मानहानि (39), गोपनीयता व सुरक्षा (20), हमशक्ल दिखाना (14), नफरत भरे भाषण (आठ), अश्लीलता (तीन) और राष्ट्रीय सुरक्षा (एक) के आधार पर हटाने की मांग की गई है। रपट में कहा गया कि गूगल ने इनमें से करीब 51 फीसद आवेदन आंशिक या पूर्ण रूप से स्वीकार कर लिए गए हैं। सोशल नेटवकिर्ंग साईटों के कंटेंट पर विवाद बढ़ने के मद्देनजर यह सूचना महत्वपूर्ण है। सूचना और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने सोशल नेटवर्किंग साइटों से राजनेतओं और देवी देवताओं के खिलाफ भावना भड़काने वाली सामग्रियों को हटाने की मांग की है। रपट में कहा गया हमने इसमें ज्यादातर गुजारिश मानने से इन्कार कर दिया और स्थानीय तौर पर ऐसे वीडियो पर प्रतिबंध लगाया जिसमें स्थानीय कानून का उल्लंघन किया गया था और ऐसे भाषणों पर प्रतिबंध लगाया जिससे समुदायों के बीच झगड़ा पनप सकता था। रपट के मुताबिक सबसे अधिक आरकुट के 264 अंशों को हटाने की गुजारिश की गई थी। गूगल की रपट के मुताबिक इसके अलावा उसे सरकार और कानून व व्यवस्था लागू करने वाली स्थानीय एजेंसियों ने यूट्यूब के ऐसे वीडियो को हटाने को कहा था जिसमें स्थानीय नेताओं के खिलाफ आलोचनात्मक सामग्री थी। पर इन आवेदनों को स्वीकार नहीं किया गया क्यों कि ये सामग्रिया कानून या मानकों के विरुद्ध नहीं पायी गईं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
गूगल, फेसबुक, आरकुट, सरकार, भारत, Google, Government
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com