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किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मियों के लिए गुड न्यूज, लंबे समय से अटके 311 करोड़ के भुगतान का रास्ता साफ

किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मियों के लिए बड़ी गुड न्यूज है. ईडी की पहल पर किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मियों के लंबे समय से अटके हुए ₹311.67 करोड़ रुपए का भुगतान का रास्ता साफ हो गया है.

किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मियों के लिए गुड न्यूज, लंबे समय से अटके 311 करोड़ के भुगतान का रास्ता साफ
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मियों के लंबे समय से अटके बकाए का अब भुगतान होगा.
  • ED ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को तीन सौ ग्यारह करोड़ सत्तावन लाख रुपये की राशि जारी की है.
  • यह राशि चेन्नई की डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार ED द्वारा जब्त की गई संपत्तियों की बिक्री से मिली है.
  • ED ने विजय माल्या और किंगफिशर से जुड़ी कंपनियों की 5 हजार करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की है.
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प्रवर्तन निदेशालय ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत दिलाई है. लंबे समय से अटके हुए ₹311.67 करोड़ रुपये अब कर्मचारियों को मिलने जा रहे हैं. यह पैसा चेन्नई की डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) के आदेश पर जारी किया गया है. यह रकम उन शेयरों को बेचकर आई है जिन्हें ED ने पहले जब्त किया था और बाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दे दिया था. अब वही पैसे ऑफिशियल लिक्विडेटर के जरिए कर्मचारियों में बांटे जाएंगे, ताकि उनकी कई सालों से बाकी बकाया चुकाया जा सके.

ED ने यह कार्रवाई विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस और जुड़े लोगों पर बैंक धोखाधड़ी व साजिश के मामलों में की थी. जांच में पता चला कि बैंकों से लिए गए करोड़ों रुपये गलत तरीके से दूसरे कर्ज चुकाने, विदेशों में पैसे भेजने और अलग-अलग खर्चों में लगाए गए.

जांच के दौरान ED ने माल्या और उसकी कंपनियों की करीब ₹5,042 करोड़ की संपत्तियां PMLA कानून के तहत जब्त कीं, और कुछ संपत्तियां CrPC के तहत भी अटैच की गईं. बाद में माल्या को 5 जनवरी 2019 को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया.

SBI की अगुवाई वाले बैंक समूह ने कोर्ट से गुहार लगाई कि जब्त संपत्तियों से कर्मचारियों का पैसा दिया जाए. ED ने इससे पहले ₹14,132 करोड़ की संपत्तियां SBI को वापस दिलाईं, जिससे एक बड़ा फंड तैयार हुआ. इसी फंड से अब कर्मचारियों के 311 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

इस फैसले से साबित होता है कि ED अपराधियों की अवैध संपत्ति उनसे लेकर पीड़ितों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. कई सालों से इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए यह फैसला बड़ी राहत है.

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