गोवा के एक्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा के अनुमान के बीच सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. गोवा के एक्जिट पोल्स में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई गई है हालांकि ज्यादातर पोल्स बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने का अनुमान लगा रहे हैं.चुनाव नतीजे कल, 10 मार्च को घोषित होंगे, लेकिन इसके पहले ही प्रमुख पार्टियों ने 'सियासी जोड़तोड़' की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है. त्रिशंकु विधानसभा के अनुमान के बीच बीजेपी ने अपने पुरानी सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) पर निगाह जताई थी. सुधीन धावलीकर के नेतृत्व वाली इस पार्टी के साथ बीजेपी के संबंधों में खटास आ गई थी. चुनाव परिणामों की पूर्व संध्या पर गोवा के बीजेपी प्रभारी देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis)ने कहा कि बीजपी की MGP स्वाभाविक सहयोगी है. हालांकि फडणवीस यह जोड़ने से नहीं चूके कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलेगा.
न्यूज एजेंसी ANI ने फडणवीस ने कहा, 'मैं निश्चिंत हूं कि बीजेपी के पक्ष में अच्छे नतीजे आएंगे. लोग हमारे साथ आने को तैयार हूं और इनकी मदद से हमें प्रचंड बहुमत मिलेगा.कांग्रेस आखिर कैसे सरकार बना सकती है जब उसे अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है और वह उन्हें बंद कर देती है. ' गौरतलब है कि गोवा चुनाव के नतीजे आने के पहले कांग्रेस ने दलबदल के डर से अपने प्रत्याशियों को रिसॉर्ट में भेज दिया है. कल 10 मार्च को आने वाले चुनाव नतीजों के पहले, कांग्रेस ने 'दलबदल' को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, जिसके चलते पार्टी को अतीत में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. दरअसल, पार्टी, गोवा की वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की चूक को दोहराना नहीं चाहती जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद भी कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने में नाकाम रही थी.
बीजेपी के विवादित नेता एतांसियो बाबुश मोंसेराते (Atanasio 'Babush' Monserrate) ने कहा, 'हमें उम्मीद हैं कि हम अपने ही दम रर सरकार बना लेंगे और एक्जिट पोल्स को गलत साबित करेंगे... मैं निश्चिंत हूं कि यदि जरूरत पड़ी तो बीजेपी का एमजीपी समर्थन करेगी. हमारे उनके साथ संबंध रहे हैं. 'महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी की बात करें तो एमजीपी का इस समय ममता बनर्जी की पार्टी के साथ गठजोड़ है. एमजीपी ने संकेत दिया है कि उसे कांग्रेस की ओर से भी 'सकारात्मक संकेत' मिले हैं. गोवा के तीन बार के सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन और नए सीएम प्रमोद सावंत के आगमन के बाद धावलीकर को मार्च 2019 में बीजेपी सरकार से हटा दिया गयाा था.
हालांकि एक समय बीजेपी के साथ कभी गठजोड़ नहीं करने के कसम खाने वाले एमजीपी प्रमुख अभी भी बनती स्थितियों के अनुसार, भगवा पाटी के पक्ष में कुछ 'उदार' लगते हैं. धावलीकर ने NDTV से कहा कि वे टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी, इसके चुनावी सलाहकार प्रशांत किशोर और पार्टी के राज्यसभा सांसदों से मिले हैं. उन्होंने कहा, 'मेरी उनसे, कांग्रेस और बीजेपी से बहुत सारी बातों पर बात हुई है लेकिन मैं गठबंधन में हूं, इस स्टेज पर मैं इस बारे में फैसला नहीं कर पाऊंगा. 'पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया है कि बीजेपी के साथ कोई भी साझेदारी एमजीपी के लिए सीएम पोस्ट की शर्त पर होगी, हालांकि इस मामले में बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है.
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