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This Article is From Mar 09, 2022

Goa Assembly Election : गोवा का गजब रिकॉर्ड, 5 सालों में आधे से ज्यादा विधायकों ने दिया इस्तीफा या बदली पार्टी

गोवा विधानसभा में पिछले पांच वर्षों के दौरान 40 विधायकों ने या तो इस्तीफा दे दिया है या फिर पार्टी बदल ली है.

Goa Assembly Election : गोवा का गजब रिकॉर्ड, 5 सालों में आधे से ज्यादा विधायकों ने दिया इस्तीफा या बदली पार्टी
गोवा में 2017 के चुनावों में कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 
पणजी:

आज कल राजनेताओं का पार्टी बदलना कोई नई बात नहीं. खासतौर पर गोवा एक एसा राज्य है जिसका (Goa) अजब ही  रिकॉर्ड रहा है. राज्य का इतिहास रहा है कि यहां एक या दो विधायकों के दल बदलने से ही सत्ता का फेरबदल हो जाता है. बता दें, गोवा विधानसभा (Goa Assembly)  में पिछले पांच वर्षों के दौरान 40 विधायकों ने या तो इस्तीफा दे दिया है या फिर पार्टी बदल ली है. इस दौरान गोवा को दो प्रमुख विधायक मनोहर पर्रिकर और फ्रांसिस डिसूजा की मृत्यु भी हो गई. गौरतलब है, मनोहर पर्रिकर की मृत्यु साल 2019 में हो गई थी. उस दौरान वो राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे. उसके बाद  बीजेपी के प्रमोद सावंत ने राज्य में मुख्यमंत्री का पद संभाला. 

गोवा मे इस साल 14 फरवरी को  विधानसभा चुनाव हुए थे जिसका नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. इससे पहले, 2017 के गोवा  विधानसभा चुनावों में  बीजेपी ने कुछ क्षेत्रीय संगठनों और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाई थी.  विश्वजीत राणे उस समय चुनाव के तुरंत बाद इस्तीफा देने वाले पहले विधायक थे.वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. बाद में उन्होंने अपने पारंपरिक वालपोई विधानसभा क्षेत्र से सफलतापूर्वक उपचुनाव लड़ा. इसी फेरबदल के बीच, साल 2018 में दो और विधायक - दयानंद सोपटे (मंदरेम) और सुभाष शिरोडकर (शिरोदा) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. 

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साल 2019 में दो बड़े नेता मनोहर पर्रिकर और फ्रांसिस डिसूजा की मृत्यु हो गई और दोनों नेताओं के विधानसभा क्षेत्र खाली हो गये . जिसके बाद राज्य के चार निर्वाचन क्षेत्र शिरोडा, मंड्रेम, पणजी और मापुसा  में उपचुनाव हुए थे. उन चुनावों में पणजी से कांग्रेस जीती, वहीं तीन अन्य सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार विजयी हुए. उसके बाद,  जुलाई 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए.  सितंबर 2021 में गोवा के पूर्व सीएम और नावेलिम निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक नेता लुइजिन्हो फलेरियो ने (टीएमसी) में शामिल होने के लिए कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा  दे दिया है.  जबकि जयेश सालगांवकर (गोवा फॉरवर्ड पार्टी), रोहन खुंटे (निर्दलीय), गोविंद गौडे (निर्दलीय), रवि नाइक (कांग्रेस) ने इस्तीफा दे दिया और  बीजेपी में शामिल हो गए.

इसके अलावा,  बीजेपी विधायक माइकल लोबो, दीपक पौस्कर, फिलिप नेरी रोड्रिग्स, अलीना सल्दान्हा, प्रवीण जांटे, विल्फ्रेड डी'सा, इसिडोर फर्नांडीस और कार्लोस अल्मेडा ने भी इस्तीफा दे दिया और सलदान्हा आम आदमी पार्टी (आप) ज्वाइन कर ली. वही, लोबो और अल्मेडा कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और प्रवीण जांटे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) में शामिल हो गए.

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इस बार पौस्कर, फर्नांडिस और डी'सा ने एनसीपी के टिकट पर निर्दलीय और रॉड्रिक्स के रूप में चुनाव लड़ा था.वहीं, निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विनोद पालेकर ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया.  जबकि कांग्रेस के एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको टीएमसी में शामिल हो गए. 

कांग्रेस में शामिल होने के लिए निर्दलीय विधायक प्रसाद गांवकर ने भी इस्तीफा दे दिया. गौरतलब है, 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद, राज्य में कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन,सरकार बनाने में विफल रही पिछले पांच सालों में इसकी ताकत घटकर 40 सदस्यों सदन में से दो हो गई. 

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