बेंगलुरु के दोदकनहल्ली में 22 साल की एक युवती की अधजली लाश मिलने से लोग सकते में हैं। एक निर्माणाधीन इमारत में इसका परिवार मज़दूरी करता था और वहीं पर मज़दूरों के लिए बने एक अस्थायी शिविर में रह रहा था। शुक्रवार सुबह इस शिविर के एक शौचालय में इस युवती की अधजली लाश मिली।
पुलिस को उसकी पहचान करने में काफी वक़्त लगा, क्योंकि मृतक के पिता, मां और बहन शहर से सटे उपनगरीय कोलार गए हुए थे। मृतका के मोबाइल से किए गए कॉल और सिम कार्ड से इस लड़की की पहचान वंदना के तौर पर हुई।
स्थानीय डीसीपी रोहिणी कटिच सेपेट के मुताबिक जांच से फिलहाल पता चला है कि वह डिप्रेशन की शिकार थी। ऐसे में अभी यह साफ़ नहीं हो पाया है कि उसने आत्महत्या की या फिर उसकी हत्या की गई है।
वंदना पास के एक मॉल में काम किया करती थी। उसकी संदेहास्पद हालत में मौत से मज़दूरों के लिए बने तक़रीबन 150 शेड्स में रहने वाले परिवार सकते में हैं। लाश इस बुरी तरह जली हुई थी कि इनमें से कोई भी वंदना को नहीं पहचान सका।
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