केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के उस बयान को लेकर निशाना साधा है कि जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय होने की बात कही थी. दरअसल, राहुल ने पुडुचेरी के अपने संबोधन किसान आंदोलन और मछुआरों का जिक्र करते हुए कहा था, 'सरकार ने देश की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों के खिलाफ तीन कानून पास किए हैं. आपको हैरानी होगी कि मैं यहां मछुआरों के बीच किसानों की बात क्यों कर रहा हूं क्योंकि मैं आपको 'समुद्र का किसान' मानता हूं.' राहुल ने कहा था कि अगर जमीन के किसानों के लिए मंत्रालय हो सकता है तो 'समुद्र का किसानों' के लिए क्यों नहीं हो सकता. राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह को उन पर 'हमला' करने का मौका मिल गया. गिरिराज ने ट्वीट किया, 'राहुल जी! आपको इतना तो पता ही होना चाहिए कि 31 मई, 2019 को ही मोदी जी ने नया मंत्रालय बना दिया और 20050 करोड़ रुपए की महायोजना (PMMSY) शुरू की जो आज़ादी से लेकर 2014 के केन्द्र सरकार के खर्च (3682 करोड़) से कई गुना ज़्यादा है.'
विपक्ष मोदी का विरोध करते-करते अब देश का विरोध करने लगा है : गिरिराज सिंह
राहुल जी ! आपको इतना तो पता ही होना चाहिए कि 31 मई,2019 को ही मोदी जी ने नया मंत्रालय बना दिया।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 17, 2021
और 20050 Cr रुपए की महायोजना (PMMSY) शुरू की जो आज़ादी से लेकर 2014 के केन्द्र सरकार के खर्च (3682 cr) से कई गुना ज़्यादा है। https://t.co/eV39avbeDt
राहुल जी!
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 17, 2021
मेरा आपसे अनुरोध है कि आप नए मत्स्यपालन मंत्रालय में आएँ या मुझे जहाँ बुलाएँ,मैं आ जाता हूँ। मैं आपको नए फ़िशरी मंत्रालय के द्वारा पूरे देश तथा पुदुच्चेरी में चलाए जा रहे योजनाओं के बारे में बताता हूँ। https://t.co/eV39avbeDt
एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने लिखा, ' राहुल जी!मेरा आपसे अनुरोध है कि आप नए मत्स्यपालन मंत्रालय में आएं या मुझे जहां बुलाएं,मैं आ जाता हूं. मैं आपको नए फ़िशरी मंत्रालय के द्वारा पूरे देश तथा पुडुचेरी में चलाए जा रहे योजनाओं के बारे में बताता हूं. इसके साथ ही गिरिराज ने इटेलियन में भी एक ट्वीट किया है जिसका आशय है-इटली में मत्स्य पालन के लिए अलग से मंत्रालय नहीं है. यह कृषि मंत्रालय और वन नीतियों के अधीन आता है.
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