नई दिल्ली:
एयर होस्टेस गीतिका शर्मा की खुदकुशी के मामले में घिरे हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की अग्रिम जमानत अर्जी रोहिणी कोर्ट ने खारिज कर दी है। फिलहाल दिल्ली पुलिस की छह टीमें उनकी तलाश कर रही है और लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि अप्रैल, 2010 में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के बंद के दौरान एक कार्यकर्ता ने गोपाल कांडा पर मारपीट का आरोप लगाया था, लेकिन इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
उन दिनों गोपाल कांडा हरियाणा के गृह राज्यमंत्री थे। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और अब कोर्ट ने कांडा और उनके भाई से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए।
गीतिका मामले में फरार चल रहे गोपाल कांडा के दिल्ली और हरियाणा स्थित दफ्तरों तथा आवासों पर गुरुवार को भी दिल्ली पुलिस की छापेमारी जारी है। उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है।
कांडा के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि मीडिया के दबाव के चलते पुलिस इस तरह से काम कर रही है। दिल्ली पुलिस की टीमों ने बुधवार को भी गुड़गांव, सिरसा और कैथल में कांडा के ठिकानों पर छापेमारी की।
गौरतलब है कि पूर्व एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा (23) ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि कांडा और एमडीएलआर एयरलाइन की अधिकारी अरुणा द्वारा प्रताड़ित किए जाने को लेकर वह अपनी जीवनलीला समाप्त कर रही है। हालांकि, कांडा और चड्ढा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
इस मामले में कंपनी की महिला अधिकारी अरुणा चड्ढा को बुधवार को पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। उधर, कांडा ने पुलिस के समक्ष हाजिर होने के समन की अनदेखी कर दी। इससे पहले उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कुछ और समय मांगा था, जिससे पुलिस ने इनकार कर दिया था।
पुलिस उपाधीक्षक (उत्तर-पश्चिम) पी करुणाकरन ने बताया, हमने अरुणा चड्ढा को गिरफ्तार किया है। हमने उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने तथा आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान चड्ढा द्वारा दिए गए बयान में बहुत अधिक स्पष्टता नहीं थी। कांडा इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष हाजिर नहीं हुए और पुलिस ने उन्हें भगोड़ा बताया है और साथ ही उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट हासिल करने की धमकी दी है।
गौरतलब है कि अप्रैल, 2010 में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के बंद के दौरान एक कार्यकर्ता ने गोपाल कांडा पर मारपीट का आरोप लगाया था, लेकिन इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
उन दिनों गोपाल कांडा हरियाणा के गृह राज्यमंत्री थे। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और अब कोर्ट ने कांडा और उनके भाई से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए।
गीतिका मामले में फरार चल रहे गोपाल कांडा के दिल्ली और हरियाणा स्थित दफ्तरों तथा आवासों पर गुरुवार को भी दिल्ली पुलिस की छापेमारी जारी है। उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है।
कांडा के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि मीडिया के दबाव के चलते पुलिस इस तरह से काम कर रही है। दिल्ली पुलिस की टीमों ने बुधवार को भी गुड़गांव, सिरसा और कैथल में कांडा के ठिकानों पर छापेमारी की।
गौरतलब है कि पूर्व एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा (23) ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि कांडा और एमडीएलआर एयरलाइन की अधिकारी अरुणा द्वारा प्रताड़ित किए जाने को लेकर वह अपनी जीवनलीला समाप्त कर रही है। हालांकि, कांडा और चड्ढा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
इस मामले में कंपनी की महिला अधिकारी अरुणा चड्ढा को बुधवार को पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। उधर, कांडा ने पुलिस के समक्ष हाजिर होने के समन की अनदेखी कर दी। इससे पहले उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कुछ और समय मांगा था, जिससे पुलिस ने इनकार कर दिया था।
पुलिस उपाधीक्षक (उत्तर-पश्चिम) पी करुणाकरन ने बताया, हमने अरुणा चड्ढा को गिरफ्तार किया है। हमने उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने तथा आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान चड्ढा द्वारा दिए गए बयान में बहुत अधिक स्पष्टता नहीं थी। कांडा इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष हाजिर नहीं हुए और पुलिस ने उन्हें भगोड़ा बताया है और साथ ही उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट हासिल करने की धमकी दी है।
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