
NDTV Campaign For Home Buyers: फ्लैट बुक किए सालों गुजर गए, पेमेंट भी हो गया, लेकिन फ्लैट अब तक नहीं मिला. प्लॉट खरीदी, पूरा पेमेंट कर दिया, मगर सालों बाद कब्जा नहीं मिला. कहीं सुविधाओं के वादे तो बहुत हुए, मगर मिला कुछ भी नहीं. ये दिल्ली-एनसीआर में बिल्डरों से घर और प्लॉट खरीदने वालों का हाल है. हरियाणा हो या उत्तर प्रदेश हर जगह लोग बिल्डर्स से परेशान हैं. सुप्रीम कोर्ट तक सख्त रुख अपनाए हुए है, लेकिन बिल्डर फिर भी मान नहीं रहे. एनडीटीवी ने "घर खरीदारों को इंसाफ कब?" मुहिम शुरू की तो इसमें हरियाणा के पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा भी शामिल हुए.
रणबीर गंगवा ने बताया, "हरियाणा में हमने हाउसिंग के नियम बनाए हुए हैं. समय से प्लॉट अगर नहीं दिए हैं या कोई भी एग्रीमेंट करने के बाद भी अगर उस पर खरा नहीं उतरता है तो उसके लिए कानून हैं. उसके खिलाफ कार्रवाई होती है. रेरा इन मामलों को देखता है. लोगों को अपनी समस्याओं की शिकायत करनी चाहिए. हम कार्रवाई करेंगे."
कोर्ट केस पर क्या बोले रणबीर गंगवा
FAOAG के अध्यक्ष आलोक कुमार के सवाल पर कि बायर्स एसोसिएशन के साथ बैठकर क्यों नहीं ऐसे मामलों को सुलझाते जो 10-10 साल से अदालतों में चल रहे हैं तो मंत्री ने कहा कि कोर्ट के अंदर सरकार का कोई दखल नहीं होता. कोर्ट के अंदर जो भी मसला है, उसका फैसला तो कोर्ट ही दे सकती है. हमारे पास जो मामले आते हैं, उन पर कार्रवाई करते हैं.
वहीं एनडीटीवी के इस सवाल पर कि कई बिल्डर्स वादे पूरे नहीं करते या डिफॉल्टर होते हैं तो उन्हें जमीनें नहीं मिलनी चाहिए, उन्हें ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया जाता तो मंत्री ने कहा कि ऐसे मसलों पर बिल्कुल कार्रवाई होती है. अगर कोई बिल्डर गलत काम करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट किया जाता है. हम और सख्त कदम उठाने की कोशिश करेंगे.
जांच में देरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय-समय पर नियमों में भी संशोधन इसीलिए किया जाता है कि प्रक्रिया में तेजी लाए जाए. हरियाणा में खरीददार की भलाई के लिए जो भी जरूरी होगा, वो राज्य सरकार करने के लिए संकल्पबद्ध है. हरियाणा में बिल्डरों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी.
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