दुष्कर्म के मामले में आरोपी यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से तगड़ा झटका लगा है. अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत का आदेश गुरुवार को रद्द कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें दो महीने की अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में प्रजापति का इलाज किया गया. इलाज में कोई कमी नहीं मिली तो हम ये समझने में नाकाम हैं कि हाईकोर्ट ने उनको मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत क्यों दी. सुप्रीम कोर्ट ने 21 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो महीने की अंतरिम जमानत देने के आदेश पर रोक लगाई थी. साथ ही प्रजापति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. यूपी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया था. हाईकोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी थी.
शीर्ष अदालत ने 21 सितंबर को बेल पर लगाई थी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को चार सितंबर को अंतरिम जमानत दी थी. अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे प्रजापति सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद हैं. कोर्ट ने पांच लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड और दो जमानतदारों की शर्त के साथ बेल दी थी. प्रजापति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी अंतरिम बेल की अर्जी डाली थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद दो महीने की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी. कोर्ट की शर्त थी कि वह अंतरिम जमानत के दौरान देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे.
लखनऊ बेंच ने दी थी अंतरिम जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दो महीने की अंतरिम बेल मंजूर की थी. दो महीने बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को सरेंडर करना था. गायत्री को तीन साल में पहली बार जमानत मिली थी. इस अंतरिम जमानत के लिए गायत्री को 3 साल 5 महीना 20 दिन का इंतजार करना पड़ा. बता दें कि गायत्री ने 15 मार्च 2017 को इस केस में सरेंडर किया था.
कोविड संक्रमण का हवाला दिया था
गायत्री ने अपनी याचिका में हृदय रोग, कोविड संक्रमण जैसी कई बीमारियां गिनाई थीं. यह जमानत उन्हें लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में दर्ज रेप के मुकदमे में मिली थी. गायत्री प्रसाद प्रजापति फिलहाल अपना इलाज पीजीआई में करा रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान गायत्री द्वारा किसी भी तरह से पीड़ित परिवार को न डराया जाएगा न ही धमकाया जाएगा. साथ ही किसी भी तरह से उन्हें प्रभवित नहीं किया जाएगा.
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