गायत्री प्रजापति रेप केस के जांच अधिकारी पर पीड़ित के परिवार ने धमकाने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली:
यूपी के बाहुबली कैबिनेट मंत्री और खनन माफिया गायत्री प्रजापति के मामले के जांच अधिकारी पर ही धमकी देने के आरोप लगे हैं. पीड़ित परिवार ने दिल्ली के हौजखास थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है. पीड़ित के परिवार के लोग, जो कि इस केस में मुख्य गवाह भी हैं, के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ है.
इस मामले की जांच के लिए यूपी पुलिस की जांच अधिकारी अमिता सिंह पीड़ित से मिलने दो मार्च को एम्स आईं थीं. उन्होंने आते ही पीड़ित नाबालिग लड़की और उसकी मां को धमकाया. उन्होंने कहा कि ''तुम लोगों ने रेप का जो झूठा मुकदमा दर्ज कराया है उसकी सजा तुम्हें भुगतनी पड़ेगी. तुम्हारा एनकाउंटर कर दिया जाएगा. तुमने डीजीपी से पंगा लिया है.'' इसके बाद अमिता सिंह मोबाइल छीनने लगीं. आरोप है कि सादी वर्दी में आए यूपी पुलिस के जवान पीड़ित के परिवार के लोगों और एक केस में गवाहों को अपनी तरफ खींचने लगे किसी तरह वे भागकर दूसरे मरीजों की भीड़ में शामिल हो गए.
इसके बाद पीड़ित लड़की के परिवार ने 100 नंबर पर दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी दी और पुलिस ने शिकायत भी दर्ज कर ली है. हालांकि जांच अधिकारी धमकी देने के आरोपों को खारिज कर चुकी हैं.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक 16 साल की पीड़ित लड़की फरवरी की शुरुआत में दिल्ली आई. वह यहां अपनी मां के साथ नबी करीम इलाके में एक होटल में रहने लगी. लेकिन 11 फरवरी को अचानक लड़की गायब हो गई. उसकी मां ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत नबी करीम थाने में दर्ज कराई. दिल्ली पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. हालांकि कुछ दिन बाद लड़की पुलिस को मिल गई. इसके बाद उस लड़की के कोर्ट में भी बयान दर्ज कराए गए. हालांकि पुलिस यह नहीं बता रही कि इस बीच लड़की कहां थी. सूत्रो के मुताबिक पीड़ित ने कोर्ट में बताया कि किन कारणों से वह उत्तर प्रदेश से दिल्ली आई.
पीड़ित ने बताया कि ''पिछले अगस्त में सपा नेता गायत्री प्रजापति ने और उसके दोस्तों ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की. उसके सामने ही उसकी मां को पीटा, धमकाया गया.'' पीड़ित ने बयान में बताया कि ''प्रजापति का खौफ इस कदर है कि हम थाने से लेकर डीजीपी दफ्तर तक के चक्कर काट चुके थे. डर के चलते हम दिल्ली आए पर यहां भी हमको धमकी मिली. जब यूपी पुलिस ने यह कहा कि तुम्हारा मेडिकल एम्स में करवाया जाएगा तो मैं डर गई और इसलिए में होटल से अकेली चली गई.''
पढ़ें- रेप के आरोपी यूपी के मंत्री गायत्री प्रजापति के विदेश भागने की आशंका, हवाईअड्डों पर अलर्ट
18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस को रेप का मामला दर्ज करने को कहा गया. यूपी पुलिस ने रेप का मामला दर्ज कर लिया. अब यूपी पुलिस रेप के मामले की जांच कर रही है तो दिल्ली पुलिस उसके अपहरण और पुलिस द्वारा धमकी देने के मामले की तहकीकात कर रही है.
एम्स में अपना इलाज करा रही पीड़ित लड़की बेहद डरी और सहमी हुई है.
इस मामले की जांच के लिए यूपी पुलिस की जांच अधिकारी अमिता सिंह पीड़ित से मिलने दो मार्च को एम्स आईं थीं. उन्होंने आते ही पीड़ित नाबालिग लड़की और उसकी मां को धमकाया. उन्होंने कहा कि ''तुम लोगों ने रेप का जो झूठा मुकदमा दर्ज कराया है उसकी सजा तुम्हें भुगतनी पड़ेगी. तुम्हारा एनकाउंटर कर दिया जाएगा. तुमने डीजीपी से पंगा लिया है.'' इसके बाद अमिता सिंह मोबाइल छीनने लगीं. आरोप है कि सादी वर्दी में आए यूपी पुलिस के जवान पीड़ित के परिवार के लोगों और एक केस में गवाहों को अपनी तरफ खींचने लगे किसी तरह वे भागकर दूसरे मरीजों की भीड़ में शामिल हो गए.
इसके बाद पीड़ित लड़की के परिवार ने 100 नंबर पर दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी दी और पुलिस ने शिकायत भी दर्ज कर ली है. हालांकि जांच अधिकारी धमकी देने के आरोपों को खारिज कर चुकी हैं.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक 16 साल की पीड़ित लड़की फरवरी की शुरुआत में दिल्ली आई. वह यहां अपनी मां के साथ नबी करीम इलाके में एक होटल में रहने लगी. लेकिन 11 फरवरी को अचानक लड़की गायब हो गई. उसकी मां ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत नबी करीम थाने में दर्ज कराई. दिल्ली पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. हालांकि कुछ दिन बाद लड़की पुलिस को मिल गई. इसके बाद उस लड़की के कोर्ट में भी बयान दर्ज कराए गए. हालांकि पुलिस यह नहीं बता रही कि इस बीच लड़की कहां थी. सूत्रो के मुताबिक पीड़ित ने कोर्ट में बताया कि किन कारणों से वह उत्तर प्रदेश से दिल्ली आई.
पीड़ित ने बताया कि ''पिछले अगस्त में सपा नेता गायत्री प्रजापति ने और उसके दोस्तों ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की. उसके सामने ही उसकी मां को पीटा, धमकाया गया.'' पीड़ित ने बयान में बताया कि ''प्रजापति का खौफ इस कदर है कि हम थाने से लेकर डीजीपी दफ्तर तक के चक्कर काट चुके थे. डर के चलते हम दिल्ली आए पर यहां भी हमको धमकी मिली. जब यूपी पुलिस ने यह कहा कि तुम्हारा मेडिकल एम्स में करवाया जाएगा तो मैं डर गई और इसलिए में होटल से अकेली चली गई.''
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18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस को रेप का मामला दर्ज करने को कहा गया. यूपी पुलिस ने रेप का मामला दर्ज कर लिया. अब यूपी पुलिस रेप के मामले की जांच कर रही है तो दिल्ली पुलिस उसके अपहरण और पुलिस द्वारा धमकी देने के मामले की तहकीकात कर रही है.
एम्स में अपना इलाज करा रही पीड़ित लड़की बेहद डरी और सहमी हुई है.
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