
- VHP ने गरबा-डांडिया पंडालों में केवल हिंदुओं को प्रवेश देने की मांग की है, इसे देवी पूजा का आयोजन बताया है
- विहिप प्रवक्ताओं ने गैर-हिंदुओं की उपस्थिति से धार्मिक भावनाओं को आहत होने और लव जिहाद की आशंका जताई है
- भोपाल में गरबा पंडालों पर विवादित होर्डिंग लगाए गए हैं, जिनमें जिहादियों के प्रवेश पर प्रतिबंध की बात है
नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही देशभर में गरबा और डांडिया महोत्सवों की तैयारियां जोरों पर हैं. लेकिन इस बार इन आयोजनों के इर्द-गिर्द एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) और उससे जुड़े संगठनों ने सार्वजनिक रूप से यह मांग उठाई है कि गरबा-डांडिया पंडालों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए. उनका कहना है कि यह केवल नृत्य का आयोजन नहीं, बल्कि देवी दुर्गा की आराधना का पावन पर्व है और इसमें वही लोग शामिल हों जो इस आस्था में विश्वास रखते हैं. विश्व हिंदू परिषद के बयानों पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है.
VHP की तरफ से क्या कहा गया है?
21 सितंबर को विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कहा कि “गरबा देवी की पूजा का एक रूप है, न कि मात्र नृत्य. जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते, उन्हें इसमें शामिल होने का अधिकार नहीं होना चाहिए.” उन्होंने दावा किया कि ऐसे आयोजनों में गैर-हिंदुओं की मौजूदगी से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं.

विहिप के एक अन्य प्रवक्ता विनोद बंसल ने आगरा में बयान देते हुए कहा कि “नवदुर्गा गरबा उत्सव में विधर्मियों की एंट्री नहीं होनी चाहिए. समाज सजग है और अब लव जिहाद व धर्मांतरण जैसे षड्यंत्रों से सावधान रहना होगा.” उन्होंने सुझाव दिया कि प्रवेश करने वालों की पहचान पत्र चेक हो, माथे पर टीका लगे और दुर्गा माता के सामने हवन कराकर ही एंट्री मिले.
भोपाल और कानपुर में लगे होर्डिंग्स
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई गरबा पंडालों पर विवादित होर्डिंग लगाए गए हैं. अवधपुरी श्रीकृष्ण सेवा समिति द्वारा लगाए गए एक होर्डिंग में लिखा है. “गरबे के पंडाल में जिहादियों का आना सख्त मना है. पकड़े जाने पर घर वापसी कराई जाएगी या उचित कार्रवाई होगी.” इस होर्डिंग पर लट्ठ और जूते-चप्पल की तस्वीर भी लगी हुई है.

कानपुर में विहिप और बजरंग दल ने संयुक्त रूप से पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मांग की गई कि नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले गरबा-डांडिया कार्यक्रमों में गैर-हिंदुओं का प्रवेश पूरी तरह से रोका जाए. विहिप के प्रांत अध्यक्ष राजीव महाना ने आरोप लगाया कि “पिछले अनुभवों में मुस्लिम युवक विशेष उद्देश्य से इन आयोजनों में शामिल होते हैं, ताकि हिंदू युवतियों को प्रभावित कर लव जिहाद जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके.”
- विहिप ने कहा है कि गरबा देवी की पूजा है, इसमें सिर्फ आस्थावान हिंदुओं को ही एंट्री दी जाए.
- भोपाल में गरबा पंडालों पर विवादित होर्डिंग लगे हैं “जिहादियों का प्रवेश वर्जित.”
- कानपुर में विहिप और बजरंग दल ने ज्ञापन देकर गैर-हिंदुओं की एंट्री रोकने की मांग की.
- संजय राउत ने इसे देश में ज़हर फैलाने की साजिश बताया.
- रामदास अठावले ने कहा कि विहिप की एडवाइजरी सामाजिक समरसता के लिए खतरा है.

विहिप को मिला नितेश राणे का समर्थन
महाराष्ट्र के विधायक नितेश राणे ने गरबा को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार इस्लाम मूर्ति पूजा का समर्थन नहीं करता. राणे का कहना है कि मुसलमानों के गरबा में आने के पीछे लव जिहाद के अलावा कोई और कारण नजर नहीं आता. वे झूठी पहचान के साथ ऐसे आयोजनों में आते हैं और हिंदू महिलाओं को परेशान करते हैं.लव जिहाद के कई मामले यहीं से शुरू होते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि गरबा गुजरात का लोक नृत्य है और यह नवरात्र उत्सव से जुड़ा है, लेकिन आजकल यह आयोजन लव जिहाद का केंद्र बनते जा रहे हैं.राणे ने विहिप की मांग को जायज़ ठहराते हुए कहा कि अगर कोई फिर भी गरबा में आता है तो उसका धर्म परिवर्तन कराया जाए, क्योंकि वह हिंदू बनने के लिए तैयार है.उन्होंने कहा कि संगठनों को धर्मांतरण की तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि आखिरकार एक समय तो हम सब हिंदू ही थे.
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
इस विवाद पर राजनीति भी तेज हो गई है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि “देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. यह उनकी रोज़ी-रोटी है. इस तरह का जहर महाराष्ट्र या देश के लिए ठीक नहीं है.”
केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख रामदास अठावले ने भी विहिप की एडवाइजरी पर आपत्ति जताई. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “यह सामाजिक समरसता के लिए गंभीर खतरा है. यह केवल आयोजकों को निर्देश देने तक सीमित नहीं, बल्कि कट्टरपंथी तत्वों को हिंसा और जबरदस्ती का खुला निमंत्रण है.”
ये भी पढ़ें-: शादी 1 साल दो महीने, गुजारा भत्ता 5 करोड़? सपने बड़े...जानें सुप्रीम कोर्ट क्यों हुआ नाराज
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं