विज्ञापन
This Article is From Jan 13, 2024

गणतंत्र के स्‍पेशल 26: युद्धपोत जो समंदर में फहराते रहे हैं भारत की बादशाहत का परचम

भारत के पास आइएनएस चेन्नई, आईएनएस कोच्चि और आइएनएस कोलकाता जैसे युद्धपोत हैं, ये तीनों स्टेल्थ मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं. इन युद्धपोतों में मिसाइल से बचने के लिए कवच सिस्टम भी है.

हिंद महासागर में भारत के रुतबे का संकेत...

नई दिल्‍ली:

इसी 5 जनवरी को आइएनएस चेन्नई ने अपना जलवा दिखाया. लाइबेरिया के जहाज़ को समुद्री लुटेरों से बचाया. लुटेरे जहाज़ को अगवा कर ले जा रहे थे. आइएनएस चेन्नई ने पीछा किया और लुटेरे भाग गए. जहाज़ में मौजूद 15 भारतीयों सहित 21 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में इस क्लास के युद्धपोत भी दिखेंगे और उनके देसी हथियार भी दिखेंगे. 

हिंद महासागर में भारत के रुतबे का संकेत

भारत के पास इस क्लास के युद्धपोत, आइएनएस चेन्नई के अलावा आईएनएस कोच्चि और आइएनएस कोलकाता भी हैं. ये तीनो स्टेल्थ मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं. फिलहाल ये तीनों अदन की खाड़ी में मौजूद हैं. लुटेरों से रक्षा के नाम पर भारत ने इन्हें लगाया है, लेकिन ये हिंद महासागर में भारत के रुतबे का संकेत हैं. 

युद्धपोत सबसे विध्वंसक हथियारों से लैस

इन्हें मुंबई की मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड ने बनाया है. इनकी लंबाई 164 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है. इनका वज़न 7500 टन है. ये 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकते हैं. ये तीनों युद्धपोत सबसे विध्वंसक हथियारों से लैस हैं. इनमें 76 एमएम की सुपर रैपिड गन लगी हुई हैं. वहीं, AK 630 गन भी इन युद्धपोतों में हैं. टारपीडो ट्यूब और ऐंटी सबमेरीन रॉकेट लांचर भी हैं. इनमें सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल है. सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की बराक मिसाइल भी है. 

मिसाइल से बचने के लिए कवच सिस्टम भी...

इन युद्धपोतों में मिसाइल से बचने के लिए कवच सिस्टम भी है. टारपीडो हमले से बचने के लिए मारीच सिस्टम है. ये दो हेलीकॉप्टर अपने साथ लिए चलते हैं. इनमें लगे सेंसर सामने के ख़तरे को भांप लेते हैं. ये आसानी से पकड़ में नहीं आते. तो इस 26 जनवरी पर देखें इन युद्धपोतों का जलवा.

इसे भी पढ़ें :- 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com