नई दिल्ली: गणतंत्र के स्पेशल 26 (Gantantra ke Special 26) में बात आज एनसीसी यानी...राष्ट्रीय कैडेट कोर (National Cadet Corps) की, जो सेना और सशस्त्र बलों में कैरियर बनाने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है. दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्म यूथ ऑर्गनाइजेशन एनसीसी (NCC) की शुरुआत 1948 में मात्र 20 हजार कैडेट्स के साथ हुई थी. आज इसकी तादाद 17 लाख के करीब पहुंच चुकी हैं. तब से लेकर अब तक युवाओं और राष्ट्र के विकास में एनसीसी ने महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं.
75 साल की हो गई एनसीसी देश की एकता और अखंडता की भी प्रतीक है, जिसमें हर क्षेत्र और वर्ग के लोग हैं. एनसीसी में बच्चे स्कूल या कॉलेज के जरिये ही आते है. मकसद बस एक ही होता है, देश का जिम्मेदार नागरिक बनना. बच्चे एनसीसी से जुड़ते हैं उन्हें सबसे पहले बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें हथियार चलाने से लेकर कई तरह की स्किल बताई जाती है, ताकि जब वह फौज में जाएं तो अच्छे सैनिक बन पाएं. यहां बात थल सेना की नही हो रही है, एनसीसी में थल सेना, वायुसेना और नौसेना विंग भी है, जो कैडेट्स जिस विंग का होता है, उसे उसकी ट्रेनिंग मिलती है. PM नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एनसीसी कैडेट रह चुके हैं.
सामाजिक सेवा में एनसीसी के कैडेट्स का अहम योगदान
एनसीसी के कैडेट्स सामाजिक सेवा में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है. ब्लड डोनेशन से लेकर ट्री प्लांटेशन या फिर सफाई अभियान की बात हो, या फिर कही आपदा राहत अभियान की बात हो, हर जगह आपको एनसीसी कैडेट्स जरूर दिख जाएंगे. एडवेंचर में भी ये कैडेट्स कम नहीं ह. ट्रैकिंग हो माउंटेनियरिंग हो या फिर रिवर राफ्टिंग हो- ये सब एक्टिविटी कैडेटस की फिजिकल फिटनेस के साथ एडवेंचर स्पिरिट को बढ़ाती है. एनसीसी के यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यहां के कैडेट्स दूसरे देशों में जाते है और दूसरे देशों को कैडेट्स यहां आते है.
कर्तव्य पथ पर दिखेगा NCC कैडेट्स का जलवा
पिछले साल सेना में 116 अधिकारियों, अग्निवीर में 8937 और केंद्रीय पुलिस बलों में 1390 कैडेट्स की भर्ती हुई. सारे एनसीसी कैडेटस की बड़ी हसरत होती है, गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेना. लेकिन यह मौका बहुत ही चुनिंदा कैडेट्स को ही मिल पाता है. 28 राज्यो और 8 केंद्र शासित प्रदेश से केवल गणतंत्र दिवस कैम्प में आने का मौका सिर्फ 2274 कैडेट्स को ही मिला. इनमें से भी कर्तव्य पथ पर परेड करने का मौका सिर्फ करीब 300 कैडेट्स को ही मिलेगा. कंपटीशन काफी टफ होता है. कैम्प में सुबह से ही कैडेट्स अपनी फिजिकल फिटनेस और मेंटल स्ट्रेंथ को मजबूत करने में जुट जाते है. इन सबका जोर यही है कि कैडेट्स के अंदर देश भक्ति, अनुशासन और नेतृत्व की भावना पैदा की जाए जो धर्म, जाति और भाषा के भेद से ऊपर उठकर काम करे.
ये भी पढे़ं:-
गणतंत्र के स्पेशल 26: भारतीय सेना का 'प्रचंड', 16400 फुट पर उड़ाने वाला इकलौता अटैक हेलीकॉप्टर
गणतंत्र के स्पेशल 26: 'ग्लोबमास्टर', भारतीय वायुसेना के बेड़े का सबसे मजबूत स्तंभ
गणतंत्र के स्पेशल 26: दुश्मनों के लिए दहशत है रफ़ाल, विमान में लगी हैं घातक मिसाइलें
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं