नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार में देखने को मिल रहा है. बाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज किए गए 4 लाख 45 हजार क्यूसेक पानी की वजह से गोपालगंज में गंडक नदी का तटबंध टूट गया. सिधवलिया प्रखंड के अमरपुरा गांव के पास बंजरिया-सल्लेहपुर तटबंध टूटने से हाहाकार मच गया. निचले इलाके के छह गांवों में पानी फैलने लगा है. बताया जा रहा है कि तटबंध में पिछले दो दिनों से रिसाव हो रहा था. स्थानीय ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग और प्रशासन को पहले ही इसकी सूचना दी थी.
रविवार को प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी, लेकिन रिसाव को रोकने में नाकाम रही. यही वजह है कि सोमवार की सुबह तटबंध टूट गया. गंडक नदी का तटबंध टूटने की खबर मिलते ही गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी, डीडीसी अभिषेक रंजन, एसपी अनंद कुमार, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, एसडीपीओ संजीव कुमार और जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
अधिकारियों को देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और हंगामा शुरू कर दिया. नाराज ग्रामीण डीएम से तटबंध टूटने के मामले की जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों ने अफसरों की लापरवाही से तटबंध टूटने की बात कही.
वहीं दूसरी तरफ डीएम ने जल संसाधन विभाग को टूटे हुए तटबंध की मरम्मत करने के निर्देश दिए. जल संसाधन विभाग के फ्लड फाइटिंग के चेयरमैन प्रकाश दास, हामिद अंसारी, चीफ इंजीनियर अशोक रंजन समेत तमाम पदाधिकारी मौके पर तटबंध को बचाने में जुट गए. डीएम ने कहा कि मामला गंभीर है, इसलिए पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. उन्होंने जांच के लिए डीडीसी अभिषेक रंजन के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि तटबंध कैसे टूटा और किसकी लापरवाही या चूक कहां पर हुई.
तटबंध टूटने के बाद बंजरिया, अमरपुरा, शीतलपुर, बथानी टोला समेत आधा दर्जन गांव में गंडक नदी का पानी प्रवेश करने लगा है. एहतियातन लोगों से ऊंचे स्थान पर जाने की अपील की गई है. वहीं स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुला लिया गया है. एनडीआरएफ टीम के कमांडर गोपाल प्रसाद ने बताया कि उनकी दो टीमें मोटर बोट के साथ अमरपुरा बंजरिया और शीतलपुर गांव में कैंप कर रही है. टूटे हुए तटबंध की मरम्मत कराने से लेकर निचले इलाके में फंसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने के लिए मदद कर रही है.
वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद गोपालगंज के सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन भी मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को निर्देश दिए. सांसद ने लोगों से अपील की है कि प्रशासन तटबंध की मरम्मत कार्य कराने में जुटा है. लोग पैनिक ना हों, क्योंकि गंडक नदी का जलस्तर काफी कम है, इसलिए ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में जांच कराने के आदेश जिला प्रशासन को दिए गए हैं.
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