इसरो ने मिशन गगनयान के पहले चरण की सफल लॉन्चिंग (Gaganyan Mission Launching) कर इतिहास रच दिया है. गगनयान के क्रू मॉड्यूल एस्केप सिस्टम का लाइव परीक्षण सफलतापूर्वक हो गया, लेकिन यह इतना आसान नहीं था. इससे पहले इसरो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था, तब जाकर इसकी सफल लॉन्चिंग हो सकी. आज सुबह 10 बजे गगनयान मिशन के पहले चरण का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो गया.श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के बाद गगनयान ने बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग की. आपको बताते हैं कि प्रक्षेपण से पहले कब क्या-क्या हुआ?
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट उड़ान सफल, ISRO ने सिर्फ आधे घंटे में तकनीकी खामी ठीक कर रचा इतिहास pic.twitter.com/Ii6pShwXdu
— NDTV India (@ndtvindia) October 21, 2023
8:00 बजे क्या हुआ....
इसरो को गगनयान मिशन के पहले चरण का लॉन्च 21 अक्टूबर को सुबह 8 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से करना था. लेकिन खराब मौसम होने की वजह से इसरो को इसके समय में बदलाव करना पड़ा. प्रक्षेपण का समय बदकर 8 बजकर 30 मिनट कर दिया गया. लेकिन इस समय पर भी मिशन का ट्रायल नहीं हो सका.
8:30 बजे क्या हुआ...
इसरो ने गगनयान मिशन के पहले ट्रायल के लिए 8 बजकर 30 मिनट का समय तय जरूर किया था लेकिन मौसम की खराबी को देखते हुए इस समय पर भी मिशन लॉन्च नहीं किया जा सका, जिसके बाद इसरो ने मिशन लॉन्चिंग के लिए एक बार फिर से समय बदल लिया और मिशन ट्रायल का समय 15 मिनट बढ़ाकर 8 बजकर 45 मिनट कर दिया. जिसके बाद सबकी निगाहें घड़ी पर टिक गईं.
8:45 बजे क्या हुआ...
घड़ी की सुई जैसे ही 8 बजकर 45 मिनट पर आईं तो पूरे देश की निगाहें टीवी पर टिक गईं. वहीं इसरो के वैज्ञैानिक भी लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह से तैयार थे. काउंडडाउन तो शाम से ही शुरू हो गया था लेकिन आखिरी 10 सेकेंड की निगती शुरू की गई. उन्होंने 5 कहते ही लॉन्चिंग को होल्ड कर दिया. किसी को कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिर ये हुआ क्या? जिसके बाद इसको चीफ एस सोमनाथ ने देश को संबोधित करते हुए बताया कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ट्रायल को होल्ड कर दिया गया है. लिफ्ट-ऑफ की कोशिश आज नहीं हो सकी.इंजन सही तरीके से प्रज्वलित नहीं हो सका. अब यह पता लगाया जा रहा है कि क्या गलत हुआ. रॉकेट के साथ लगाया गया व्हीकल सुरक्षित है. अब यह देखने की जरूरत है कि आखिर क्या हुआ. उन्होंने कहा कि आज प्रक्षेपण नहीं होगा.हम जल्द वापस आएंगे.
9:35 बजे के करीब क्या हुआ....
सुबह 9 बजकर 35 मिनट के करीब इसरो की तरफ से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि गगनयान के टीवी-डी1 लॉन्च को रोकने की वजह की पहचान कर ली गई है और गड़बड़ी को भी ठीक कर लिया गया है. गगनयान का पहला प्रक्षेपण सुबह 10 बजे किया जाएगा.
10:00 बजे क्या हुआ....
घड़ी में 10 बजते ही इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान के पहले चरण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया. खास बात यह है कि महज आधे घंटे में तकनीकी खराबी को दूर कर मिशन को फिर से लॉन्च कर दिया गया, ये इसको के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के बाद सबसे पहले टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को आसमान में लेकर गया और फिर 594 किमी की रफ्तार के साथ क्रू मॉड्यूम और क्रू एस्केप सिस्टम 17 किमी. की ऊंचाई पर अलग हुआ. इसके बाद पानी से ढाई किमी. की ऊंचाई पर मॉड्यूल के मुख्य पैराशूट खुलने के साथ ही इसकी लैडिंग बंगाल खाड़ी में हो गई. अब यहीं से क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम की रिकवरी होगी. इसरो के इस परीक्षण का मकसद 2025 के लिए गगनयान मिशन को तैयार करना है. वहीं इस मिशन की सफलता के लिए इसरो चीफ ने साथी वैज्ञानिकों को बधाई दी और खुशी भी जाहिर की.
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