
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ग्लोबल कांफ्रेंस ऑन स्पेस एक्सप्लोरेशन (GLEX) 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने भारत की अब तक की स्पेस जर्नी और आने वाले मिशनों को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष सिर्फ एक मंजिल नहीं, बल्कि जिज्ञासा, हिम्मत और सामूहिक तरक्की की पहचान है.
गगनयान से खुलेगा नया रास्ता
PM मोदी ने बताया कि जल्द ही एक भारतीय एस्ट्रॉनॉट ISRO-NASA के जॉइंट मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेगा. यह भारत की पहली ह्यूमन स्पेस फ्लाइट 'गगनयान' का अगला कदम है, जो देश की तकनीकी क्षमताओं और आत्मविश्वास को दर्शाता है.
2040 तक चांद पर होंगे भारतीय एस्ट्रॉनॉट के फुटप्रिंट
PM ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2040 तक चांद पर अपने एस्ट्रॉनॉट्स के फुटप्रिंट छोड़ना है. इसके अलावा मंगल और शुक्र जैसे ग्रह भी भारत की अगली स्पेस प्लानिंग में शामिल हैं. 2035 तक भारत का खुद का 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' तैयार करने का प्लान है.
चंद्रयान से मंगल तक, भारत की बड़ी उपलब्धियां
पीएम ने भारत की पिछली उपलब्धियों पर भी बात की, जैसे चंद्रयान-1 से चांद पर पानी की खोज, चंद्रयान-2 से हाई-रेजोलूशन इमेज और चंद्रयान-3 के जरिए साउथ पोल पर लैंडिंग. इसके साथ ही 2014 में भारत ने पहले ही प्रयास में मंगल तक पहुंच कर इतिहास रचा था.
महिलाएं बना रहीं हैं स्पेस मिशन की लीडर, स्टार्टअप्स की एंट्री से मिल रही नई ऊर्जा
PM ने बताया कि भारत के कई अहम स्पेस मिशन की अगुवाई महिला साइंनटिस्ट कर रही हैं. यह बदलाव न सिर्फ वैज्ञानिक विकास बल्कि सामाजिक बदलाव की भी तस्वीर दिखाता है.उन्होंने बताया कि भारत में अब 250 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स हैं जो सैटेलाइट टेक्नोलॉजी, इमेजिंग, प्रोपल्शन सिस्टम जैसे सेक्टर में काम कर रहे हैं. इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिल रहा है और देश को नई टेक्नोलॉजी मिल रही है.
सिर्फ मिशन नहीं, आम जनता को भी फायदा
PM ने बताया कि स्पेस टेक्नोलॉजी का फायदा देश की आम जनता तक पहुंच रहा है. जैसे फिशरमैन को अलर्ट देना, मौसम की सटीक जानकारी, रेलवे की सुरक्षा और गतीशक्ति जैसी सरकारी योजनाओं में सैटेलाइट का इस्तेमाल हो रहा है.
'वसुधैव कुटुंबकम' से जुड़ा भारत का स्पेस विजन
PM मोदी ने कहा कि भारत का स्पेस मिशन सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के भले के लिए है. 'वसुधैव कुटुंबकम' की सोच के साथ भारत बाकी देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है. उन्होंने G20 सैटेलाइट मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि यह ग्लोबल साउथ के लिए भारत की बड़ी देन होगी. भारत अब सिर्फ स्पेस में उड़ान नहीं भर रहा, बल्कि वहां अपनी छाप छोड़ रहा है. GLEX 2025 में PM मोदी का यह संदेश दुनिया को भारत की स्पेस ताकत और उसकी भविष्य के रोडमैप दोनों को दिखाता है.
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