महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने आज कहा कि ''राज्य में मंदिरों के संरक्षण के लिए अलग से निधि रखी जाएगी और महाराष्ट्र की संस्कृति को बचाने की कोशिश की जाएगी. इससे आपको भी समझ आएगा कि हमने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है.'' राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के हालात को लेकर उन्होंने कहा कि ''हमने घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली. हमें कई जानकारियां मिलीं जिसके आधार पर हमने हमारे नागरिकों का ख्याल रखा. इसकी वजह से कई लोगों की जान बच गई. कई लोगों की मृत्यु हुई, लेकिन हमने कोई आंकड़ा नहीं छुपाया. दूसरे राज्यों ने आंकड़े छुपाए जिसकी वजह से हमारे आंकड़े ज़्यादा हैं. क्या यह भी एक सवाल है?''
ठाकरे ने कहा कि ''महाराष्ट्र ने 17 दिनों में कोविड अस्पताल खड़ा किया, यह एक बड़ी बात है. केंद्र ने हम से कहा, उससे पहले ही अस्पताल बनाना शुरू कर दिया था. डॉक्टरों का टास्क फोर्स शुरू कर दिया गया था. लॉकडाउन के ऐलान से पहले एक-एक चीज को बंद करना शुरू किया था.''
मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ''किसी का आरक्षण निकालकर किसी को आरक्षण नहीं दिया जाएगा और सभी समाजों के साथ न्याय किया जाएगा. जो कोई समाज में झगड़ा कराने की कोशिश कर रहा है, वो सफल नहीं होगा... बतौर मुख्यमंत्री मैं ज़िम्मेदारी के साथ यह कह रहा हूं.''
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ''बुलेट ट्रेन की मांग किसने की थी? इससे किसे फायदा होगा? महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन के केवल 4 स्टेशन हैं और बाकी दूसरे राज्य में. क्या मैं यह कह दूं कि यह जगह हमारी है और यहीं कारशेड बना दूं? मुंबईकरों की भलाई के नाम पर आप कुछ भी झूठ ना फैलाएं. आरे कारशेड को कांजुरमार्ग में शिफ्ट करने का फायदा भविष्य में समझ में आएगा. पिछली सरकार में बिना अनुमति कितनी रकम बढ़ाई गई थी, यह जानकारी भी जल्द मिल जाएगी.''
उद्धव ठाकरे का बीजेपी को जवाब, "अगर महाराष्ट्र में इमरजेंसी तो दिल्ली में क्या हो रहा है?"
उन्होंने कहा कि ''केवल विरोध करने के लिए विपक्ष को विरोध नहीं करना चाहिए, इससे राज्य को नुकसान होगा. देवेंद्र जी (देवेंद्र फडणवीस) किसानों का इतना विचार करते हैं, उन्हें तो दिल्ली भेजना चाहिए. किसानों के मुद्दे पर आप किसानों को देशद्रोही कहेंगे, चीनी, पाकिस्तानी कहेंगे, यह सही है क्या? अघोषित इमरजेंसी की बात आप करते हैं. कहते हैं कि जो सरकार के पीछे पड़ता है, उसे हम जेल भेजते हैं. आप तो सभी के पीछे ईडी लगा रहे हैं. प्रताप सरनाईक के पीछे ईडी, उनके बच्चों के पीछे ईडी, उन्हें अब तक पोता नहीं हुआ नहीं तो उसके पीछे भी ईडी को लगा दिया जाता. यह हमारी राजनीति नहीं है.''
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