शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने पार्टी के चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि 'धनुष और तीर' पार्टी के चिन्ह के रूप में उद्धव गुट को ही मिले इसके लिए हमने निर्वाचन आयोग के सामने अपनी बात रखी है. हमे विश्वास है कि दबाव की राजनीति का निर्वाचन आयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा और हमारे हक में ही फैसला आएगा.
राउत ने आगे कहा कि पहली बात तो ये कि ये सवाल उठना नहीं चाहिए था क्योंकि पार्टी और इसका प्रतीक और झंडा ठाकरे का है. जहां उद्धव हैं, वहीं असली शिवसेना है. हमने अपना मामला जोरदार ढंग से पेश किया है और मुझे उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमें निर्वाचन आयोग पर पूरा भरोसा और विश्वास है कि केवल एक शिवसेना होगी, असली शिवसेना, जिसका नेतृत्व ठाकरे करेंगे.
संजय राउत ने कहा कि चुनाव आने दीजिए, उन्हें (शिंदे गुट को) पता चल जाएगा कि असली शिवसेना कौन है. मंदिर जाने वाले सभी लोग प्रार्थना करने नहीं जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों का इरादा मूर्ति चुराने का भी होता है. लोग अब भी पूजा के लिए मंदिरों में जाते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की मूर्ति को चुराने की कोशिश कर रहे हैं. पार्टी प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे का कार्यकाल 23 जनवरी को समाप्त होने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि वह पार्टी प्रमुख हैं और रहेंगे.
ध्यान हो कि निर्वाचन आयोग वर्तमान में शिवसेना के चुनाव चिह्न पर विवाद की सुनवाई कर रहा है. जिस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दावा किया जा रहा है. चुनाव चिह्न को लेकर निर्वाचन आयोग में लड़ाई पर एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पांच महीने बीत चुके हैं लेकिन यह मुद्दा अब भी लटका हुआ है. शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वे खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमी हैं और यह संदेहास्पद है कि वो असली शिवसैनिक होने का दावा कैसे कर सकते हैं.
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