
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Former RBI Governor Raghuram Rajan) ने मंगलवार को कहा कि भारत को लोकतांत्रिक लाभांश (Democratic Dividends)का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानव संसाधन में सुधार और उनके स्किल सेट को बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है. राजन ने जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में ‘2047 तक भारत को एक उन्नत अर्थव्यवस्था बनाना: इसके लिए क्या करना होगा' विषय पर चर्चा में कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हम Demographic Dividend का फायदा नहीं उठा रहे हैं."
हमें कई क्षेत्रों में सुधार करने की जरूरत है: रघुराम राजन
राजन भारत द्वारा चिप निर्माण पर अरबों डॉलर खर्च करने के आलोचक रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ इन चिप कारखानों के बारे में सोचें. चिप निर्माण पर इतने अरबों डॉलर की सब्सिडी दी जाएगी.''उन्होंने कहा, जबकि चमड़ा जैसे रोजगार प्रधान कई क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. राजन ने कहा, ‘‘ हम उन क्षेत्रों में नीचे जा रहे हैं. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि हमारे पास नौकरियों की कमी की समस्या है. यह पिछले 10 साल में उत्पन्न नहीं हुई बल्कि पिछले कुछ दशकों से बढ़ रही है. हालांकि अगर आप उन क्षेत्रों की उपेक्षा करते हैं जिन्हें बढ़ाया जा सकता है.... मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें अब चमड़ा क्षेत्र पर सब्सिडी देने की जरूरत है, लेकिन यह पता लगाएं कि वहां क्या गलत हो रहा है और उसे सुधारने का प्रयास करें.''
भारतीय इनोवेटर बाहर जा रहे हैं: राजन
एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि बहुत सारे भारतीय इनोवेटर अब सिंगापुर या सिलिकॉन वैली का रुख कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां अंतिम बाजारों तक पहुंच बहुत आसान लगती है.राजन ने कहा कि भारत के युवा विश्व स्तर पर अपने आप को साबित करना चाहते हैं. युवाओं के अंदर विराट कोहली वाली मानसिकता है. वो किसी से भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं. जरूरी है उनकी क्षमता के उपयोग का.
इस बीच कार्यक्रम में मौजूद सेलेस्टा कैपिटल के प्रबंधक साझेदार अरुण कुमार ने कहा, ‘‘ भारत को वैश्वीकरण का फायदा मिल रहा है. इसकी आर्थिक समृद्धि भारत में और भारत से व्यापार तथा निवेश बढ़ाने में इसकी वैश्विक परस्पर निर्भरता से प्रेरित होगी, जिससे रोजगार सृजन, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि तथा समृद्धि में मदद मिलेगी. आज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति विनिर्माण में बढ़ती भागीदारी के लिए भारत के पक्ष में काम करती है .''उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अधिक भागीदारी की सुविधा के लिए व्यापार सुगमता, व्यापार सुविधा में आसानी, आधुनिक बुनियादी ढांचे तथा संबंधित लॉजिस्टिक्स के निर्माण पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है.''
ये भी पढ़ें- :
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं