डॉ कलाम को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
शिलांग:
देश ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने उन्हें ‘सच्चा सपूत’ और ‘दुर्लभ रत्न’ कहते हुए अत्यंत आत्मीय ढंग से याद किया। भारी संख्या में आमलोग भी अपने राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने राजाजी मार्ग स्थित उनके आवास पर पहुंचे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनेक गणमान्य लोगों ने 83 वर्षीय कलाम को श्रद्धांजलि दी जिनकी पार्थिव देह शिलांग से यहां लाई गयी। उनका सोमवार रात शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
कलाम का अंतिम संस्कार तमिलनाडु में उनकी जन्मस्थली रामेश्वरम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ 30 जुलाई को किया जायेगा। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद बातचीत करते हुए देखा गया। बाद में मोदी ने उपराष्ट्रपति से भी बात की।
मेघालय के राज्यपाल वी षडमुगनाथन को भी प्रधानमंत्री से बातचीत करते हुए देखा गया। शिलांग से कलाम की पार्थिव देह को लेकर आने वाले लोगों में मेघालय के राज्यपाल शामिल थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कलाम के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
10, राजाजी मार्ग स्थित उनके आवास पर मौजूद अन्य गणमान्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, रविशंकर प्रसाद आदि मौजूद थे।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी अपने पूर्व कमांडर-इन-चीफ को श्रद्धांजलि दी। इनके अतिरिक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने भी पूर्व राष्ट्रपति को पुष्पांजलि अर्पित की।
डॉ कलाम का पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष सुपर Hercules विमान C-130 J से दिल्ली लाया गया। इसके बाद इसे उनके सरकारी आवास 10 राजाजी मार्ग पर ले जाया गया है, जहां 4 बजे से आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
डॉ कलाम की अंत्येष्टि तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित उनके पैतृक स्थान पर परसों होगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, दिवंगत राष्ट्रपति की अंत्येष्टि तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर स्थित उनके पैतृक स्थान पर होगी। इससे पहले शिलांग और गुवाहाटी में भी लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
'मिसाइल मैन' और 'जनता के राष्ट्रपति' के रूप में लोकप्रिय हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार शाम आईआईएम में एक व्याख्यान देने के दौरान गिरने के बाद निधन हो गया था।
डॉ. कलाम को शाम करीब साढ़े छह बजे व्याख्यान के दौरान गिरने के बाद नाजुक हालत में बेथनी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया और उसके दो घंटे से अधिक समय बाद उनके निधन की पुष्टि की गई। डॉ. कलाम अक्तूबर में 84 साल के होने वाले थे।
देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति माने जाने वाले कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, लेकिन राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए उनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। वह राजनीतिक गलियारों से बाहर के राष्ट्रपति थे।
कलाम को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर मिलने के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचे मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगम ने बताया कि कलाम ने शाम सात बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। डॉक्टरों की अथाह कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
मुख्य सचिव पीबीओ वारजिरी ने अस्पताल के बाहर संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने कलाम के पार्थिव शरीर को मंगलवार को गुवाहाटी से नई दिल्ली ले जाने का इंतजाम करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल से जरूरी प्रबंधन करने के वास्ते बातचीत की है।
साल 1931 में रामेश्वरम के करीब पैदा हुए अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिक्स की पढ़ाई की थी, उन्हें 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर रहे कलाम लंबे समय तक डीआरडीओ और इसरो के साथ जुड़े रहे। देश की रॉकेट और मिसाइल टेक्नोलॉजी के वे महारथी माने जाते रहे और देश की मिसाइल प्रणाली के विकास में उनके योगदान को खास तौर से देखा जाता है।
एपीजे कलाम बच्चों में भी खासे लोकप्रिय थे और आखिरी समय तक पढ़ने पढ़ाने से लगाव रहा। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि अपने आखिरी लम्हें भी उन्होंने छात्रों के बीच ही गुजारा।
पूर्व राष्ट्रपति का आखिरी ट्वीट...
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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनेक गणमान्य लोगों ने 83 वर्षीय कलाम को श्रद्धांजलि दी जिनकी पार्थिव देह शिलांग से यहां लाई गयी। उनका सोमवार रात शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
कलाम का अंतिम संस्कार तमिलनाडु में उनकी जन्मस्थली रामेश्वरम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ 30 जुलाई को किया जायेगा। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद बातचीत करते हुए देखा गया। बाद में मोदी ने उपराष्ट्रपति से भी बात की।
मेघालय के राज्यपाल वी षडमुगनाथन को भी प्रधानमंत्री से बातचीत करते हुए देखा गया। शिलांग से कलाम की पार्थिव देह को लेकर आने वाले लोगों में मेघालय के राज्यपाल शामिल थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कलाम के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
10, राजाजी मार्ग स्थित उनके आवास पर मौजूद अन्य गणमान्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, रविशंकर प्रसाद आदि मौजूद थे।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी अपने पूर्व कमांडर-इन-चीफ को श्रद्धांजलि दी। इनके अतिरिक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने भी पूर्व राष्ट्रपति को पुष्पांजलि अर्पित की।
डॉ कलाम का पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष सुपर Hercules विमान C-130 J से दिल्ली लाया गया। इसके बाद इसे उनके सरकारी आवास 10 राजाजी मार्ग पर ले जाया गया है, जहां 4 बजे से आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
डॉ कलाम की अंत्येष्टि तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित उनके पैतृक स्थान पर परसों होगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, दिवंगत राष्ट्रपति की अंत्येष्टि तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर स्थित उनके पैतृक स्थान पर होगी। इससे पहले शिलांग और गुवाहाटी में भी लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
'मिसाइल मैन' और 'जनता के राष्ट्रपति' के रूप में लोकप्रिय हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार शाम आईआईएम में एक व्याख्यान देने के दौरान गिरने के बाद निधन हो गया था।
डॉ. कलाम को शाम करीब साढ़े छह बजे व्याख्यान के दौरान गिरने के बाद नाजुक हालत में बेथनी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया और उसके दो घंटे से अधिक समय बाद उनके निधन की पुष्टि की गई। डॉ. कलाम अक्तूबर में 84 साल के होने वाले थे।
देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति माने जाने वाले कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, लेकिन राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए उनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। वह राजनीतिक गलियारों से बाहर के राष्ट्रपति थे।
कलाम को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर मिलने के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचे मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगम ने बताया कि कलाम ने शाम सात बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। डॉक्टरों की अथाह कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
मुख्य सचिव पीबीओ वारजिरी ने अस्पताल के बाहर संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने कलाम के पार्थिव शरीर को मंगलवार को गुवाहाटी से नई दिल्ली ले जाने का इंतजाम करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल से जरूरी प्रबंधन करने के वास्ते बातचीत की है।
(फोटो : डॉ कलाम को पुष्प अर्पित करते हाथ)
साल 1931 में रामेश्वरम के करीब पैदा हुए अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिक्स की पढ़ाई की थी, उन्हें 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर रहे कलाम लंबे समय तक डीआरडीओ और इसरो के साथ जुड़े रहे। देश की रॉकेट और मिसाइल टेक्नोलॉजी के वे महारथी माने जाते रहे और देश की मिसाइल प्रणाली के विकास में उनके योगदान को खास तौर से देखा जाता है।
एपीजे कलाम बच्चों में भी खासे लोकप्रिय थे और आखिरी समय तक पढ़ने पढ़ाने से लगाव रहा। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि अपने आखिरी लम्हें भी उन्होंने छात्रों के बीच ही गुजारा।
पूर्व राष्ट्रपति का आखिरी ट्वीट...
Going to Shillong.. to take course on Livable Planet earth at iim. With @srijanpalsingh and Sharma.
— APJ Abdul Kalam (@APJAbdulKalam) July 27, 2015
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