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आखिर क्यों विश्व में शांति की कोशिश कर रहा है भारत? पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने समझाया

पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा, "लगातार जंग होने से भारत पर दबाव पड़ता है. युद्ध की स्थिति जितनी गंभीर होती है, हालात उतने ही कठिन होते हैं. अगर इजरायल-हमास का युद्ध जारी रहा, तो इसका भारत-ईरान संबंधों पर भी असर पड़ सकता है."

आखिर क्यों विश्व में शांति की कोशिश कर रहा है भारत? पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने समझाया
नई दिल्ली:

भारत की कूटनीति के नए रुख की इन दिनों दुनिया में चर्चा हो रही है. दुनिया के संघर्षों को लेकर सधी हुई निरपेक्षता से आगे बढ़ते हुए भारत ने हमेशा से शांति बहाली के लिए सक्रिय कोशिशें की हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)का जुलाई में रूस और अगस्त में यूक्रेन का दौरा करना एक जोखिम भरा कूटनीतिक मिशन था. ये पहली बार था जब भारत के किसी नेता ने शांति बहाल करने की वकालत करते हुए किसी युद्ध क्षेत्र का दौरा किया था. इस बीच पाकिस्तान (Pakistan) में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया (Ajay Bisaria) ने समझाया कि आखिर भारत विश्व में शांति की कोशिशें क्यों कर रहा है.

NDTV वर्ल्ड समिट 2024- द इंडिया सेंचुरी के दूसरे दिन मंगलवार (22 अक्टूबर) को अजय बिसारिया ने रूस-यूक्रेन युद्ध और  इजरायल-हमास के बीच जारी जंग में शांति बहाली के लिए भारत की कोशिशों का जिक्र किया. बिसारिया ने कहा, "हर दिन युद्ध जारी रहना भारत के हित में नहीं है. तेल की कीमतों और भारत के जियो-पॉलिटिकल रिलेशन की वजह से यह उसके प्रवासी हित में भी नहीं है. लिहाजा हमें शांति की कोशिश और पहल करनी चाहिए. क्योंकि भारत मानता है कि जंग से किसी समस्या का समाधान नहीं निकलता है. समस्या का समाधान से आपसी बातचीत से ही निकाला जा सकता है."

उन्होंने कहा, "लगातार जंग होने से भारत पर दबाव पड़ता है. युद्ध की स्थिति जितनी गंभीर होती है, हालात उतने ही कठिन होते हैं. अगर इजरायल-हमास का युद्ध जारी रहा, तो इसका भारत-ईरान संबंधों पर भी असर पड़ सकता है. ऐसे में अगर भारत शांति की स्थापना में कोई भूमिका निभा सकता है, तो हमें जरूर निभाना चाहिए."

मोदी ने कब की थी रूस और यूक्रेन की यात्रा
PM मोदी ने 9 जुलाई को रूस की यात्रा की थी. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान PM मोदी ने जंग खत्म कर शांति की पहल करने की अपील की थी. मोदी ने कहा था, "बम-बंदूकों और गोलियों से शांति संभव नहीं है. हर समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए." वहीं, 23 अगस्त को यूक्रेन पहुंचे PM मोदी ने राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की को गले लगाया था. तब PM ने कहा था, "मैंने पुतिन से आंख में आंख मिलाकर कहा था कि ये जंग का समय नहीं है."

भारत ने इजरायल से भी की शांति की अपील
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू से भी गाजा में जंग रोकने और शांति बहाली की कई बार अपील कर चुके हैं. भारत ने फिलिस्तीनियों की मदद के लिए गाजा में मानवीय सहायता भी भेजी थी.

पाकिस्तान में पॉली क्राइसिस
समिट में अजय बिसारिया ने कहा, "पाकिस्तान पिछले तीन साल से कई तरह के संकटों का सामना कर रहा है. इसमें सुरक्षा संकट, आर्थिक संकट और राजनीतिक संकट शामिल है. इससे नीति में काफी हद तक अस्थिरता और असंगति पैदा होती है. हमारे आसपास एक स्थिर क्षेत्र होने में हमारा निहित स्वार्थ भी है."


 

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