राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में उथल-पुथल मच गई है. संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पूर्व CJI रंजन गोगोई का इस मामले पर बयान आया है. राज्यसभा की सदस्यता लेने के सवाल पर पूर्व चीफ जस्टिस ने शपथ ग्रहण करने के बाद इसका जवाब देने की बात कही है. उन्होंने कहा, "मैं संभवतः कल (बुधवार को) दिल्ली जाऊंगा... मुझे शपथ ग्रहण करने दीजिए, फिर विस्तार से मीडिया को बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता क्यों स्वीकार की..."
बताते चले कि पूर्व CJI रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उनके सेवानिवृत्त होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर मंगलवार को दावा किया कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे. कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ''न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं.'' उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे.
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