
NV Ramana on Caste Census: पूर्व सीजेआई एनवी रमना ने जनगणना में जातिगत जनगणना की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी कदम है, हालांकि इसमें बहुत देरी हुई है. जाति और जाति आधारित भेदभाव हमारे समाज की एक कठोर वास्तविकता है. अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर काम करें. जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के भारत सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने बयान दिया है.
"अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर काम करें"
पूर्व सीजेआई ने कहा कि जाति गणना को ध्यान में रखते हुए अगली जनगणना कराने का निर्णय एक बहुत ज़रूरी कदम है, हालांकि इसमें काफ़ी देरी हुई है. जाति और जाति-आधारित भेदभाव हमारे समाज की एक कठोर सच्चाई है. बहुत लंबे समय तक हम इसे नकारते रहें. अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर काम करें. जाति को पहचान के रूप में लेकर जनगणना करने का निर्णय सही दिशा में उठाया गया सही कदम है.
रमना ने कहा कि भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश के लिए, जब तक हम प्रामाणिक डेटा एकत्र नहीं करते, तब तक बड़ी तस्वीर को देखना और अपने लोगों और अपने राष्ट्र की सर्वांगीण प्रगति के लिए एक वैज्ञानिक रणनीति तैयार करना संभव नहीं है. मुझे पूरी उम्मीद है और विश्वास है कि यह कदम सामाजिक-आर्थिक विभाजन को पाटने और समाज के सभी वर्गों को सत्ता और समृद्धि में उचित हिस्सा देने में काफ़ी मददगार साबित होगा.
मुझे यह भी उम्मीद है कि अगली जनगणना में हर संभव सामाजिक सूचकांक को भी ध्यान में रखा जाएगा ताकि इसे आम लोगों की भलाई के उद्देश्य से एक व्यापक अभ्यास बनाया जा सके. जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के लिए भारत सरकार को बधाई.
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