मुस्लिम समुदाय के कुछ बुद्धिजीवियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से पिछले महीने मुलाकात की थी. इस दौरान हिंदू-मुस्लिम के बीच सौहार्द के लिए काम करने पर सहमति बनी है. गौरतलब है कि RSS ने हाल के दिनों में मुसलमानों से संपर्क बढ़ाया है. इन मुस्लिम बुद्धिजीवियों में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग भी शामिल थे. NDTV से बातचीत में कुरैशी ने बताया कि 22 अगस्त को मुस्लिम बुद्धिजीवियों से संघ प्रमुख भागवत मिले थे. इस दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ़ नुपुर शर्मा के बयान पर चर्चा हुई थी. इसके अलावा बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के विषय में भी बातचीत हुई.
कुरैशी ने बताया कि मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने इस मुलाकात के लिए वक्त मांगा था. बातचीत के दौरान भागवत ने गोकशी और हिंदुओं को काफ़िर कहने पर आपत्ति जताई थी, दूसरी ओर, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने हर मुसलमान को शक की निगाह से देखने पर अपनी चिंता का इजहार किया था.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर अदालतों में सुनवाई हो रही है. बैठक में देश में सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए एक मंच बनाने का निर्णय लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जमीरुद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और परोपकारी सईद शेरवानी भी उन मुस्लिम बुद्धिजीवियों में शामिल थे, जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली स्थित अस्थायी कार्यालय उदासीन आश्रम में बंद कमरे में मोहन भागवत से मुलाकात की. सूत्रों ने कहा कि दो घंटे तक चली बैठक के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत बनाने और अंतर-सामुदायिक संबंधों में सुधार पर व्यापक चर्चा हुई.
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