ममता बनर्जी, मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद में कामयाब नजर आईं. देश की 20 विभिन्न पार्टियों के दिग्गज नेता एक मंच पर एक साथ नजर आए. इस मंच पर पूर्व की बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी भी दिखाई दिए. दोनों ने नेताओं ने ममता के मंच से मोदी सरकार पर जमकर हमला किया. यशवंत सिन्हा ने विपक्ष के नेताओं से अपील की है कि मोदी को मुद्दा न बनाएं बल्कि मुद्दे को मुद्दा बनाएं तो वहीं अरुण शौरी ने विपक्ष की एकजुटता को बरकरार रखने के लिए संयमित रहने की अपील की है.
यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने रैली में कहा कि वे (सत्ताधारी दल) कहते हैं कि हम मोदी को हटाने के लिए एकसाथ आए हैं. मगर मैं यहां बता दूं कि हम मोदी को हटाने के लिए नहीं हैं. सिन्हा ने कहा कि यह प्रश्न एक व्यक्ति का नहीं है. यह एक सोच और विचारधारा का सवाल है. हम एक सोच और उस विचारधारा के विरोध में यहां एकट्ठा हुए हैं. पिछले 56 महीने में जो घाटा हुआ है, वह प्रजातंत्र को हुआ है. बीजेपी की पूर्व सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश के किसी भी संस्थान को बर्बाद करने में बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ी है. हम लोकशाही को बचाने के लिए एकत्रित हुए हैं. हमारे लिए मोदी मुद्दा नहीं, मुद्दे मुद्दा हैं. वो चाहते हैं हम मोदी को मुद्दा बनाएं, हम मुद्दे को मुद्दा बनाएंगे.
अरुण शौरी
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि हम अकेले होकर लड़गें तो मोदी सरकार को देश बर्बाद करने से नहीं रोक पाएंगे. अगर हम गुजरात में भी एक साथ मिलकर लड़े होते तो परिणाम कुछ और होते. ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी एकजुट होते तो और बेहतर होता. उन्होंने कहा कि बंगाल की शेरनी ने विपक्ष को एकजुट करने का काम लिया है. अरुण शौरी ने कहा कि राफेल जैसा घोटाला किसी सरकार में नहीं हुआ. ऐसी झूठ बोलने वाली सरकार कभी नहीं आई. इस सरकार ने हर संस्था को बर्बाद करने की जिद पकड़ रखी है. मोदी-शाह से लोगों का ऐतबार उठ गया है. मोदी समझ गए हैं कि सत्ता से उनकी पकड़ हिल गई है.
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