मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह.
इंफाल: मणिपुर में हिंसा भड़कने के तीन महीने बाद, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक बार फिर से प्रदेश वासियों से शांति और विकास के पथ पर लौटने की अपील की है. उन्होंने राज्य में जातीय हिंसा के लिए 'बाहरी ताकतों' को भी दोषी ठहराया और कहा कि नशा के खिलाफ युद्ध जारी रहेगा. इंफाल में 77वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तिरंगा फहराते हुए सीएम ने कहा, "क्षमा करने और भूलने से, हम सौहार्दपूर्वक रह सकते हैं और विकास के पथ पर अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं, जिसे हमने पिछले तीन महीनों में खो दिया है."
मुख्यमंत्री ने कहा, "हिंसा से कोई विकास नहीं होगा. अगर समुदायों के बीच कोई गलतफहमी है, तो हम बैठकर बात कर सकते हैं और सभी कमियों पर चर्चा कर सकते हैं. इसके लिए हमारा दरवाजा हमेशा खुला है."
सीएम ने जोर देकर कहा कि भारतीय संघ के हिस्से के रूप में और इसके संवैधानिक प्रावधानों का सख्ती से पालन करते हुए, उनकी सरकार पहाड़ों और घाटियों, दोनों में राज्य की बेहतरी और उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने दावा किया, ''हालांकि, कुछ निहित स्वार्थों और बाहर से आई ताकतों ने हमारे शांतिप्रिय राज्य और देश को अस्थिर करने की कोशिश की है.''
एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है और न ही कभी करेगी, जो संविधान के विरुद्ध हो. उन्होंने कहा, अगर ऐसा हुआ तो उनकी सरकार एक पल के लिए भी नहीं बचेगी.
नागरिकों से हिंसा ख़त्म करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नशीली दवाओं के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई जारी रखेगी और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार सभी अवैध आप्रवासियों का पता लगाने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास जारी रखेगी. उन्होंने कहा, "यह किसी व्यक्ति या समुदाय के खिलाफ नहीं होना चाहिए. गलतफहमी पर हम सामूहिक रूप से बैठकर चर्चा कर सकते हैं, ताकि शांति ला सकें और अपनी विकास यात्रा जारी रख सकें. हमें सभी नागरिकों के लिए समावेशिता, न्याय और समानता के लिए प्रयास करना जारी रखना चाहिए."
उन्होंने कहा, "मेरे साथी नागरिकों, आपके प्रति मेरी प्रतिबद्धता आपकी भलाई के लिए अथक प्रयास करने, विकास और सशक्तिकरण के रास्ते बनाने और हमारे राष्ट्र को परिभाषित करने वाले मूल्यों को बनाए रखने की है." मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की जान चली गई है और 3000 से अधिक घायल हुए हैं. वहीं 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और हजारों करोड़ की संपत्ति नष्ट हो गई है.