प्रेरणास्थल बनने के बाद संसद में लगी सभी महापुरुषों और क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं एक स्थान पर होंगी. यहां आगुंतक और पर्यटक उनके जीवन दर्शन के बारे में सुन और पढ़ सकेंगे. इसके लिए संसद के भीतर एक विशेष व्यवस्था की जा रही है.
रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्रेरणास्थल से भारत के लोगों को तो जानकारी मिलेगी ही, साथ ही विदेशी भी भारत के लोकतंत्र और भारत के बारे में जान सकेंगे. हमारी नई पीढ़ी भी इन महापुरुषों के योगदान से अवगत हो सकेगी.
उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति रविवार शाम इसका लोकार्पण करेंगे. इससे पहले विपक्ष ने आरोप लगाया था कि संसद में महात्मा गांधी समेत अन्य महापुरुषों की मूर्तियों को उनके स्थान से हटाया जा रहा है.
गौरतलब है कि असहमति होने पर कई बार विपक्षी सांसद महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष विरोध-प्रदर्शन करते हैं. रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि संसद में एक प्रेरणास्थल का निर्माण किया जा रहा है, जहां इन प्रतिमाओं का जीवंत दर्शन किया जा सकेगा. संसद भवन के अंदर महापुरुषों, क्रांतिकारियों, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक नवचेतना जगाने वाले महापुरुषों की अलग-अलग समय मेें अलग-अलग स्थानों पर भव्य प्रतिमा स्थापित की गई. संसद ने निर्णय किया है कि अब उन प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक तरीके से प्रेरणास्थल पर स्थापित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां भारत के लोकतंत्र की विरासत, संस्कृति व भारत के लोकतंत्र में योगदान देने वालों की जानकारी मिलेगी. यह प्रेरणास्थल वर्तमान व आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरणा देगा. यह पूछे जाने पर कि क्या वह पुन: लोकसभा स्पीकर चुने जाएंगे, इस पर उन्होंने कहा कि ये नियम के मुताबिक होगा, सरकार तय करेगी. ये राजनीतिक दल तय करते हैं.
संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जहां पहले संसद की सुरक्षा अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जाती थी. अब संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक एजेंसी पर है. संसद की सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है.
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